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हिसार: पेटवाड़ गांव के बेटे सूर्यकांत ने देश के 53वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रूप में ली शपथ
हरियाणा का एक गांव पेटवाड़ आज इतिहास के एक ऐसे पल का साक्षी बना, जिसे आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी। गांव के सपूत जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रूप में शपथ ली, और इसी के साथ पूरा गांव जश्न में डूब गया। चारों ओर ढोल-नगाड़ों की थाप गूंज उठी, महिलाओं ने मंगलगीत गाए और गांव की हर चौपाल पर मिठाइयां बांटी गईं। गांव वालों का कहना है कि आज हमारे लिए दूसरी दिवाली है। हमारा सूर्य अब पूरे देश की न्याय-व्यवस्था को रोशन करेगा।
पेटवाड़ के एक साधारण शिक्षक परिवार में जन्मे सूर्यकांत की इस सफलता का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं। पिता मदन गोपाल शास्त्री गांव के स्कूल में संस्कृत के अध्यापक रहे और साहित्यकार के रूप में भी खूब प्रसिद्धि अर्जित की। संस्कार ऐसे मिले कि बचपन से ही सरलता, मेहनत और ईमानदारी उनके स्वभाव में बस गई। चीफ जस्टिस सूर्यकांत की शुरुआती पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल में हुई। आगे की शिक्षा हिसार के सरकारी महाविद्यालय में पूरी की और फिर एमडी यूनिवर्सिटी रोहतक से एलएलबी की। 1985 में उन्होंने हिसार से वकालत शुरू की और जल्द ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जाने-माने वकीलों में शामिल हो गए। 7 जुलाई 2000 को महज 38 साल की उम्र में वे हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। 2004 में हाईकोर्ट के जज, 2018 में हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और 2019 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने। उसके बाद आज 24 नवंबर को उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेकर एक नया इतिहास रच दिया।
गांव में सुबह से ही जश्न का माहौल
चीफ जस्टिस सूर्यकांत के शपथ लेते ही पेटवाड़ में उत्सव का माहौल छा गया। गांव के मुख्य चौक पर ढोल बजने लगे, युवाओं ने खुशी में रंग उड़ाए, बुजुर्ग एक-दूसरे को मिठाई खिलाते नजर आए। सूर्यकांत के पैतृक घर पर लोगों का तांता लगा रहा। महिलाएं गीत गाती रहीं कि पेटवाड़ का लाल चढ़्या सुप्रीम दी गद्दी प, गांव का हर छोटा-बड़ा इस गौरव के क्षण में शामिल हुआ।
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