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VIDEO : SIT reached Jind's Julana to investigate the fraud case in the name of RD and FD
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VIDEO : जींद के जुलाना में आरडी और एफडी के नाम पर धोखाधड़ी मामले की जांच के लिए पहुंची एसआईटी
कस्बे में आरडी और एफडी के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस की एसआईटी टीम पहुंची और निवेशकों के ब्यान दर्ज किए। गत 22 मार्च को पुलिस ने एक एजेंट की शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। मामले की जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया गया था। एसआई पवन कुमार के नेत्तृत्च में टीम जुलाना पहुंची और आरडी एफडी के नाम पर जिन लोगों ने निवेश किया था उनके ब्यान दर्ज किए। सोनीपत जिले के छपरा गांव निवासी जसवीर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह ह्यूमैन वेल्फेयर क्रेडिट काॅ ओपरेटिव सोसाईटी लिमिटेड में एजेंट के रूप में काम करता था। जसवीर ने आरोप लगाया कि सोसाइटी ने जनता को वित्तीय योजनाओं के माध्यम से धोखा देने का गंभीर अपराध किया है। सोसाइटी की स्थापना और उद्देश्य ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का गठन बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत किया गया था। इस सोसाइटी ने 16 सितंबर 2016 से हरियाणा सहित कई राज्यों में कार्य करना शुरू किया। इसके मुख्य कार्य फिक्स्ड डिपॉजिट और आवर्ती जमा जैसी बचत योजनाएं प्रदान करना था। सोसाइटी ने अपनी शुरुआत में खुद को एक भरोसेमंद और सुरक्षित वित्तीय संस्था के रूप में प्रस्तुत किया। सोसाइटी ने निवेशकों को आकर्षित करने और विश्वास दिलाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया। उनकी योजनाएं न केवल ग्रामीण बल्कि शहरी लोगों को भी अपनी ओर खींचने में सफल रहीं। यह दावा किया गया कि निवेशकों की रकम सुरक्षित रहेगी और समय पर परिपक्वता राशि का भुगतान किया जाएगा। प्रोत्साहन आधारित योजनाएं और निवेशकों का विश्वास सोसाइटी ने नए निवेशकों को जोड़ने के लिए इंसेंटिव आधारित योजना शुरू की। इस योजना के तहत, जो व्यक्ति अधिक निवेशकों को जोड़ेगा, उसे निवेश की राशि के आधार पर अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह मॉडल मल्टी लेवल मार्केटिंग पर आधारित था, जिसने तेजी से निवेशकों की संख्या बढ़ाई। निवेशकों ने अपने परिचितों, दोस्तों और रिश्तेदारों को सोसाइटी से जोड़ना शुरू कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, एजेंट्स और निवेशकों का एक बड़ा नेटवर्क बन गया। एजेंट्स को प्रशिक्षित किया गया, जिससे उन्होंने अन्य निवेशकों का विश्वास जीतकर बड़ी मात्रा में धन सोसाइटी में जमा कराया। 2016 से 2023 तक का कार्यकाल और सफलता का भ्रम शुरुआती सात वर्षों तक सोसाइटी ने समय पर भुगतान और योजनाओं का सुचारू संचालन किया। निवेशकों को परिपक्वता राशि समय पर दी गई। एजेंट्स को नए निवेशकों को जोड़ने पर इंसेंटिव दिया गया। बड़ी सभाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से सोसाइटी ने अपना भरोसा बनाए रखा।
सोसाइटी के मालिक और अधिकारी लगातार निवेशकों और एजेंट्स को यह विश्वास दिलाते रहे कि उनका मॉडल मजबूत और पारदर्शी है। इस दौरान, सोसाइटी ने अपनी वास्तविक मंशा को छिपाते हुए धोखाधड़ी के लिए एक ठोस आधार तैयार किया। 2023 में सोसाइटी के कामकाज में गंभीर समस्याएं आनी शुरू हुईं।1. पहले एजेंट्स के इंसेंटिव रोक दिए गए। निवेशकों की परिपक्यता राशि का भुगतान भी बाधित होने लगा। सोसाइटी के अधिकारी "सिस्टम अपग्रेडेशन" का बहाना बनाकर देरी को जायज ठहराने की कोशिश करते रहे। निवेशकों और एजेंट्स ने जब इन समस्याओं को लेकर अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्हें झूठे आश्वासन दिए गए। धीरे-धीरे, सोसाइटी के मालिकों ने सभी संपर्क समाप्त कर दिए और निवेशकों को उनकी मेहनत की कमाई वापस नहीं मिली। पुलिस ने शिकायत के आधार पर सोसाइटी व उसके के सीएडी समीर अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े और आलोकनाथ भी आरोपी
जुलाना में खोले गए सोसाइटी के केंद्र के एजेंट जसवीर ने बताया कि सोसाइटी के प्रचार के लिए बॉलीवुड एक्टर तलपड़े और आलोकनाथ को ब्रांड एंबेस्डर बनाया गया था। इसके अलावा दुबई और मुम्बई निवासी कई बड़े नाम भी आरोपियों में शामिल हैं।
अभी तक 86 लाख 36 हजार हड़पने का मामला आया सामने, राशि हो सकती है करोड़ो में
जुलाना के नत्थूराम मार्किट में सेंटर खोला गया था। पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में केवल 15 निवेशकों द्वारा निवेश की गई राशि का जिक्र है जबकि सेंटर पर सैंकड़ो एजेंट हजारों निवेशकों की राशि को जमा करवाते थे। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब 15 निवेशकों के 86 लाख 36 हजार रूपये जमा हैं तो हजारों लोगों के कितने होंगे।
मेचोरिटी नही मिलने पर 3 दिसंबर को सीपी ने किया था हंगामा
जुलाना में ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कॉ ऑपरेटिव सोसाइटी के नाम से कार्यालय लगभग 8 साल से चलाया जा रहा था। सोसाईटी एफडी और आरडी के नाम पर बाजार में सीपी निवेशकों से रूपये जमा करवाते थे। सोसाईटी के एजेंट सोनू ने बताया कि उसने लगभग 500 लोगों का सोसाइटी में निवेश करवाया है। ऐसे में लगभग करोड़ों रूपये उसके उपभोक्ताओं के सोसाइटी में जमा है। इसके अलावा काफी लोग स्वयं भी कार्यालय में जमा करवाते थे। सोसाइटी के शुरूआती दिनों में समय पर लेनदेन होता रहा है। ऐसे में निवेशकों का भरोसा सोसाइटी पर हो गया और लोग काफी संख्या में निवेश करने लगे। सोसाइटी में लोगों ने करोड़ो रूपये निवेश कर दिए। तीन माह बीत जाने के बावजूद सोसाइटी ने लोगों की समयावधि पूरी होने पर भी रूपये नही दिए जा रहे थे तो सीपी ने कार्यालय में पहुंचकर हंगामा किया तो वहां से एजेंट और कार्यालय स्टाफ भाग गए। पुलिस ने जांच के दौरान जब बुलाया तो दस दिन में मैचोरिटी देने की बात सहमति बन गई। कुछ दिन बाद कार्यालय को बंद कर दिया गया और अब तक सीपी की मैचोरिटी नही दी गई है।
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