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VIDEO : नारनौल में प्रशासन ने 38 साल पुराने अवैध कब्जे को कराया मुक्त
नारनौल के गांव खोड़ में प्रशासन ने दल बल के साथ 38 साल पुराने पंचायती जमीन पर अवैध कब्जे को कब्जा धारी से मुक्त कराया है। दल बल के साथ बीडीपीओ नवदीप को इस कब्जा कार्रवाई के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। इस दौरान पुलिस को विरोध का सामना भी करना पड़ा।
यह मामला पिछले एक साल से कोर्ट में चल रहा था। गांव के सुमेर सिंह को पंचायत के द्वारा नोटिस भी दिए जा चुके थे। उसके बावजूद भी सुमेर ने पंचायती जमीन खाली नहीं की। बताया जाता है कि यह मामला जितेंद्र कुमार की कोर्ट में चल रहा था। जैसे ही गांव में कब्जा कार्रवाई के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नवदीप पुलिस, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, जेसीबी, महिला पुलिस को लेकर पहुंचे। उन्होंने कब्जाधारी को नोटिस दिया, लेकिन उसने प्रशासन की एक न सुनी। वह सरपंच पर बार-बार वोट न देने की रंजिश का आरोप लगाता रहा। प्रशासन ने कब्जा धारी की एक न सुनते हुए जेसीबी की मदद से पंचायती जमीन पर बना मकान खुर्द बुर्द कर दिया गया। इस दौरान घर वालों ने काफी विरोध किया। प्रशासन द्वारा पंचायती जमीन कब्जाधारी से मुक्त करवा दी गई। ड्यूटी मजिस्ट्रेट नवदीप बीडीपीओ अटेली ने बताया कि सरकार द्वारा आदेश हैं कि जिस किसी ने भी पंचायती भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है, उसके खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। इस मौके पर सभी ग्रामीणों से उन्होंने अपील की है कि भविष्य में पंचायती जमीन पर अवैध कब्जा न करें, केवल अपनी भूमि पर ही मकान बनाए। पंचायत की जमीन को खाली छोड़ दें। गांव में सौंदर्य करण के कार्य को लेकर इन जमीनों का उपयोग किया जाएगा।
ग्राम पंचायत खोड़ की सरपंच नूपुर ने बताया कि यह कब्जा 1986 से सुमेर सिंह ने कर रखा था। पिछले दो साल से पंचायत के द्वारा इनको बता भी दिया गया था कि यह पंचायत की जमीन है, इसे छोड़ दें लेकिन पंचायत की बात नहीं मानने के कारण पंचायत ने अपनी जमीन छुड़वाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की। को
र्ट के फैसले पर बुधवार को प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए जमीन को खाली करवा दिया।
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