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Opposition to administrative action on land in Sonipat, villagers of Garh Mirkpur allege collusion
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सोनीपत में जमीन पर प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध, गढ़ मिरकपुर के ग्रामीणों ने लगाया मिलीभगत का आरोप
सोनीपत के गांव गढ़मिरकपुर में जमीन पर प्रशासन की कब्जा कार्रवाई के विरोध में ग्रामीणों ने लघु सचिवालय में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप था कि किसानों को बिना नोटिस दिए शामलात की करीब 154 एकड़ जमीन पर कब्जा ले लिया गया, जबकि इस जमीन पर किसान खेती कर रहे थे। प्रदर्शन कर रहे किसानों का नेतृत्व मनजीत तिहाड़ा ने किया। ज्ञापन पर उन्हें जांच का आश्वासन मिला है।
बुधवार को एसडीएम को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों व गांव पंचायत ने ग्रामीणों को बिना सूचना दिए जबरन कब्जा कर लिया है। ग्रामीणों ने इस संबंध में संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना था कि वर्ष 1966 में गांव की पंचायती जमीन का बंटवारा हो चुका है, जिसमें कुछ जमीन नहर पार खेतों के रूप में ग्रामीणों को उपयोग के लिए दी गई थी। तब से लेकर ग्रामीण उस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। आरोप है कि अब पंचायत और प्रशासन के कुछ अधिकारी बिना किसी वैधानिक सूचना या आदेश के 154 एकड़ जमीन पर जबरन कब्जा कर वहां निर्माण व अन्य गतिविधियां करवा रहे हैं।
कब्जा कार्रवाई को रुकवाने की मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि इस प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेताया है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वह न्याय के लिए आगे आंदोलन करेंगे।
सरपंच बोले कब्जा कार्रवाई नियमानुसार हुई
गढ़मिरकपुर के सरपंच पवन कुमार ने बताया कि ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन बेवजह किया है, जिस जमीन पर कब्जा कार्रवाई हुई, वह शामलात की भूमि है और प्रशासन ने
यह भूमि ग्राम पंचायत को सौंप दी है।
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