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जागा महकमा: ब्लास्टिंग से थर्राई मसयाणा की पहाड़ी का किया निरीक्षण, कंपनी अधिकारी गायब
निर्माणाधीन शिमला-मटौर फोरलेन के चीलबाहल से कोहली टू लेन पैच में मसयाणा जंगल में मनमाने तरीके से काटी जा रही पहाड़ी का मामला उजागर होने के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने यहां पर 90 डिग्री की सीध में काटी गई पहाड़ी और कुणाह खड्ड में डपिंग पर एक्शन लिया है। डैमेज रिपोर्ट (डीआर) काटी गई है। हालांकि, विभाग की सूचना और निर्देशों के बाद भी एनएचएआई और कंपनी के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। महज सुपरवाइजर और मजदूर यहां पर मौजूद रहे। कंपनी के कर्मचारियों ने यह दावा किया उन्होंने ब्लास्टिंग की अनुमति ले रखी है। हालांकि वन विभाग ने इसे लेकर अनभिज्ञता जाहिर की। स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से लगातार यहां पर ब्लास्टिंग से मसयाणा जंगल की पहाड़ी थर्रा उठी है जिससे लोग भी दहश्त में हैं। वहीं मसयाणा चौक तक गहरी खाई के रूप में एक झील बारिश के पानी से बन गई है। यहां पर पहाड़ी के मलबे को सीधा कुणाह खड्ड में फेंका जा रहा है। अशोक कुमार ने कहा कि कई दफा प्रशासन, एनएचएआई को सूचित किया गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। मसयाणा के जंगल को पूरा काट दिया गया है। सैकड़ों पेड़ मलबे में दफन कर दिए गए है। अ विजय शर्मा ने कहा कि दुकानों में पहाड़ी से कटा मलबा घुसा है। कई दफा इस बारे में प्रशासन को बताया गया। कंपनी अधिकारी सुनवाई नहीं रहे हैं। मुख्यमंत्री हेल्फलाइन पर शिकायत की गई है लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है। एसीएफ वन विभाग हमीरपुर नितीन नेगी ने कहा कि यहां पर सड़क निर्माण के लिए कटिंग सही ढंग से नहीं की गई है। जंगल में कई जगह पर भूस्खलन हुआ है। यहां पर पेड़ों का नुकसान भी हुआ है। इससे पहले भी डंपिग की गई है। यहां पर डैमेज रिपोर्ट पहले भी काटी गई है। अब फिर डैमेज रिपोर्ट काटने का निर्णय लिया गया है। यहां खड्ड किनारे लगाई क्रेटवाल नाकाफी है।
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