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2006 Mumbai train bombings: Supreme Court stays Bombay High Court's decision, gives this order!
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2006 Mumbai train bombings: सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर लगाई रोक, दिया ये आदेश!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Fri, 25 Jul 2025 02:14 AM IST
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सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस सिलसिले में बारह आरोपियों को बरी करने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपियों की रिहाई पर रोक नहीं है और उनको दोबारा जेल नहीं भेजा जाएगा। कोर्ट ने इसी के साथ आरोपियों को नोटिस भी जारी किया है।बता दें कि वर्ष 2006 के मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामले में सभी 12 अभियुक्तों को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था। फैसले को महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की थी। वहीं बरी किए गए लोगों में से एक तनवीर अहमद और सुहैल महमूद शेख ने कहा, "यह एक आंशिक रोक है जो सुप्रीम कोर्ट ने दी है... हाईकोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में है, जो तथ्यों और सबूतों पर आधारित है... हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक हटने के बाद न्यायपालिका और कानून में हमारा विश्वास और बढ़ेगा
11 जुलाई 2006 को विभिन्न स्थानों पर मुंबई लोकल ट्रेनों में हुए सात विस्फोटों में 180 से ज्यादा लोग मारे गए थे। उच्च न्यायालय ने 2015 में एक विशेष अदालत द्वारा अभियुक्तों को दी गई सजा और उनकी दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली उनकी अपीलों को स्वीकार कर लिया। उच्च न्यायालय का यह फैसला मामले की जांच कर रही महाराष्ट्र एटीएस के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी लेकर आया। एजेंसी ने दावा किया कि अभियुक्त प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया के सदस्य थे और इन सदस्यों ने आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी सदस्यों के साथ मिलकर साज़िश रची थी। इससे पहले सरकार की तरफ से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाई कोर्ट के 21 जुलाई के फैसले के विरुद्ध राज्य सरकार की अपील का तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया था। मेहता ने कहा था कि यह एक गंभीर मामला है। विशेष अनुमति याचिका तैयार है। कृपया इसे बुधवार को सूचीबद्ध करें। यह अत्यावश्यक है.. कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार किया जाना बाकी है।
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