एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने दोपहर
1:38 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट के रनवे नंबर 23 से उड़ान भरी। टेकऑफ के फौरन बाद विमान के पायलट सुमित सुब्बरवाल ने इमरजेंसी मे-डे (May day) कॉल दी।अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस दर्दनाक हादसे में 265 लोगों की जान चली गई, जिनमें 12 क्रू मेंबर भी शामिल थे. अब नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) ने क्रैश साइट से ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है, जिससे उम्मीद है कि इस दुर्घटना की असली वजह सामने आ सकेगी.ब्लैक बॉक्स का इस्तेमाल हमेशा उड़ान से जुड़ी किसी दुर्घटना का पता लगाने के लिए किया जाता है. यह विमान की उड़ान के दौरान होने वाली सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है. इसी वजह से इसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) भी कहा जाता है. ब्लैक बॉक्स का निर्माण टाइटेनियम मेटल से किया जाता है, ताकि यह सुरक्षित रहे. साथ ही, अंदर की दीवारें इस तरह से बनाई गई हैं कि अगर कोई दुर्घटना हो भी जाए तो भी ब्लैक बॉक्स सुरक्षित रहता है और दुर्घटना के बाद इससे सारी जानकारियां मिलती है.यह एक ऐसा उपकरण है जो उड़ान के दौरान विमान का पूरा डेटा एकत्र करता है. इसका मुख्य कार्य यह पता लगाना है कि विमान दुर्घटना या किसी गंभीर घटना के दौरान क्या हुआ था? डेटा एकत्र करना. हर विमान में दो डेटा रिकॉर्डर होते हैं, जो एक दूसरे से जुड़े होते हैं. ब्लैक बॉक्स सुरक्षित रहता है क्योंकि यह टाइटेनियम से बना होता है और इसमें कई परतें होती हैं. अगर विमान में आग लग भी जाए तो इसके नष्ट होने की संभावना लगभग नगण्य होती है क्योंकि यह करीब 1 घंटे तक 10,000 डिग्री सेल्सियस का तापमान झेल सकता है. इसके बाद भी यह बॉक्स अगले 2 घंटे तक करीब 260 डिग्री का तापमान झेल सकता है. इसकी एक खासियत यह है कि यह करीब एक महीने तक बिना लाइट के काम करता है, यानी अगर दुर्घटनाग्रस्त विमान को खोजने में समय भी लग जाए तो भी बॉक्स में डेटा सुरक्षित रहता है।