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Delhi Police Encounter: Bihar's 'Sigma Gang' killed in Delhi, 4 criminals including Ranjan Pathak killed.
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Delhi Police Encounter: बिहार का ‘सिग्मा गैंग’ दिल्ली में ढेर, रंजन पाठक समेत 4 बदमाश मारे गए।
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Thu, 23 Oct 2025 09:56 AM IST
दिल्ली पुलिस ने बिहार के चार मोस्ट वांटेड गैंगस्टरों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और बिहार पुलिस के संयुक्त अभियान में रोहिणी में हुई मुठभेड़ में बिहार के चार मोस्ट वांटेड गैंगस्टर मारे गए हैं। दिल्ली पुलिस ने एक्स में उस जगह के दृश्य जारी किये हैं जहां रात 2.20 बजे चार आरोपियों और दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम के बीच गोलीबारी हुई।इस मुठभेड़ में बिहार के रंजन पाठक (25), बिमलेश महतो (25), मनीष पाठक (33) और अमन ठाकुर (21) मारे गए। रंजन पाठक, बिमलेश महतो और मनीष पाठक सीतामढ़ी, बिहार के रहने वाले थे और अमन ठाकुर करवाल नगर, दिल्ली का रहने वाला था।बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात दिल्ली के रोहिणी इलाके में पुलिस ने बिहार की कुख्यात ‘सिग्मा गैंग’ का सफाया कर दिया. बिहार से फरार चार मोस्ट वॉन्टेड अपराधी, जिनमें गैंग का सरगना रंजन पाठक भी शामिल था, एनकाउंटर में ढेर हो गए.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने इस ऑपरेशन को बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया.यह मुठभेड़ 22 और 23 अक्टूबर की रात करीब 2:20 बजे रोहिणी के बहादुर शाह मार्ग से लेकर पंसाली चौक के बीच हुई. पुलिस के मुताबिक, अपराधियों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में चारों बदमाशों को गोली लगी. बाद में उन्हें डॉ. बीएसए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. ऑपरेशन में पुलिस के किसी जवान को गंभीर चोट नहीं आई. चारों पर बिहार में कई मामले दर्ज हैं। जिसमें हत्याएं और सशस्त्र डकैती शामिल हैं। आगे की जांच जारी है। डीसीपी क्राइम ब्रांच डीसीपी संजीव यादव ने कहा कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बिहार पुलिस के साथ मिलकर रोहिणी में एक मुठभेड़ के दौरान बिहार के कुख्यात रंजन पाठक गिरोह के चार सदस्यों को मार गिराया। मुठभेड़ सुबह करीब 2:20 बजे हुए। इस विशेष खुफिया सूचना के आधार पर गिरोह के सदस्य आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ी आपराधिक गतिविधि को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
आगे कहा कि दिल्ली पुलिस अपराध शाखा और बिहार पुलिस की एक संयुक्त टीम ने इलाके में जाल बिछाया। जब पुलिस दल ने संदिग्धों को रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद संक्षिप्त लेकिन भीषण गोलीबारी हुई। चारों आरोपी गोली लगने से घायल हो गए और उन्हें रोहिणी के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चारों बिहार में कई हत्याओं और सशस्त्र डकैती सहित कई मामलों में वांछित थे। दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया। फोरेंसिक और अपराध स्थल जांच टीमों को बुलाया गया। आगे की जांच जारी है।कौन थे चारों अपराधी? इनमें से तीन सीतामढ़ी, बिहार के निवासी थे, जबकि अमन ठाकुर दिल्ली के करावल नगर के शेरपुर गांव का रहने वाला था. चारों पर हत्या, लूट, रंगदारी और अपहरण जैसे दर्जनों संगीन मुकदमे दर्ज थे. गैंग का लीडर था रंजन गैंग का सरगना रंजन पाठक, बिहार के अपराध जगत का जाना-पहचाना नाम था. बताया जाता है कि सीतामढ़ी में एक हाई-प्रोफाइल हत्या के बाद उसने मीडियाकर्मियों को अपना ‘क्रिमिनल बायोडाटा’ तक भेज दिया था. उसका मकसद था डर और पहचान दोनों बनाना. बिहार पुलिस के मुताबिक, हाल ही में इस गैंग की एक ऑडियो कॉल सामने आई थी, जिसमें रंजन अपने साथियों से बिहार चुनाव से पहले दहशत फैलाने की बात कर रहा था.
दूसरा आरोपी बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी, रंगदारी और हथियार तस्करी में सक्रिय था. वह रंजन का दायां हाथ माना जाता था. तीसरा अपराधी मनीष पाठक कई हत्या और अपहरण मामलों में वांटेड था. चौथा अपराधी अमन ठाकुर, दिल्ली में रहते हुए गैंग को राजधानी से लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करता था. वह अपराधियों के ठिकाने और हथियारों की व्यवस्था करता था. ‘सिग्मा गैंग’ की क्राइम कुंडली ‘सिग्मा एंड कंपनी’ के नाम से कुख्यात यह गिरोह बिहार-नेपाल सीमा तक फैला हुआ था. रंजन पाठक इसका मास्टरमाइंड था, जो सोशल मीडिया के जरिए भी अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करता था. गैंग के सदस्य बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में रंगदारी, सुपारी किलिंग और हथियार सप्लाई जैसे अपराधों में लिप्त थे. ऑपरेशन की योजना पूरी तरह से चुनावी सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई गई थी ताकि बिहार में चुनाव से पहले किसी बड़े अपराध को रोका जा सके.
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