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Jaideep Dhankhar Pension: Where is former President Dhankhar? Applied for pension.
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Jaideep Dhankhar Pension: कहां है पूर्व राष्ट्रपति धनखड़? Pension के लिए किया आवेदन।
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Sun, 31 Aug 2025 11:18 AM IST
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था. तब से उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. विपक्ष के नेता बार-बार ये सवाल पूछे रहे हैं कि आखिर जगदीप धनखड़ कहां हैं और क्या कर रहे हैं? इस रहस्य के बीच अब ऐसी जानकारी सामने आई, जिसके आधार पर ये कहा जा सकता है कि वो इन दिनों फ्यूचर प्लान कर रहे हैं! इसकी शुरूआत उन्होंने पेंशन प्लानिंग से की है.जगदीप धनखड़ की तरफ से पूर्व विधायक के नाते मिलने वाली पेंशन के लिए राजस्थान विधानसभा सचिवालय में आवेदन किया गया है. सचिवालय ने उनके आवेदन पर प्रक्रिया आगे भी बढ़ा दी है. राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पुष्टि की है कि धनखड़ की तरफ से पेंशन के लिए आवेदन आया है. वो वर्ष 1993 से 1998 तक किशनगढ़ सीट से कांग्रेस के विधायक रहे थे.
2019 तक पेंशन मिल रही थी
पूर्व विधायक के तौर पर उन्हें जुलाई 2019 तक पेंशन मिल रही थी. जुलाई 2019 में धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बन गए और पेंशन मिलनी बंद हो गई. इसके बाद धनखड़ उप-राष्ट्रपति बन गए. तब भी उन्हें विधायक के तौर पर पेंशन नहीं मिली क्योंकि नियमों के मुताबिक किसी सरकारी पद पर रहते हुए पेंशन नहीं मिलती. हालांकि, सरकारी पद का कार्यकाल पूरा होने के बाद पेंशन दोबारा शुरू हो जाती है. इसके लिए विधानसभा सचिवालय को सूचित करना होता है.उसी प्रक्रिया के तहत अब जगदीप धनखड़ ने ये सूचना आधिकारिक तौर पर भेज दी है. जिसके बाद उन्हें पेंशन मिलनी फिर से शुरू हो जाएगी. ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल होगा कि आखिर धनखड़ को पूर्व विधायक के तौर पर कितनी पेंशन मिलेगी. तो बता दें कि राजस्थान में पूर्व विधायक को 35 हजार रुपये महीना पेंशन मिलती है. 70 वर्ष से ज्यादा उम्र के पूर्व विधायकों को 20% अतिरिक्त पेंशन.
धनखड़ को तीन पेंशन मिलेगीं
80 वर्ष से ज्यादा उम्र के पूर्व विधायकों तो 30% अतिरिक्त पेंशन मिलती है. जगदीप धनखड़ की उम्र अभी 74 वर्ष है. इस हिसाब से उन्हें 42 हजार रुपये हर महीने पेंशन मिलेगी. ऐसा नहीं है कि धनखड़ को सिर्फ एक ही पेंशन मिलेगी. उन्हें पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक के तौर पर तीन पेंशन मिलेगीं. इसका पूरा हिसाब किताब भी समझ लीजिए.
पूर्व उपराष्ट्रपति के तौर पर उन्हें हर महीने 2 लाख रुपये पेंशन मिलेगी. पूर्व सांसद के तौर पर उनकी पेंशन 31 हजार रुपये महीना होगी. पूर्व विधायक के नाते 42 हजार रुपये हर महीने मिलेंगे. इस हिसाब से धनखड़ को हर महीने 2 लाख 73 हजार रुपये पेंशन के मिलेंगे. यहां ध्यान देने वाली एक जरूरी बात ये है कि उन्हें पूर्व राज्यपाल के नाते कोई पेंशन नहीं मिलेगी क्योंकि पूर्व राज्यपाल को पेंशन का प्रावधान नहीं है.धनखड़ 1993 से 1998 तक किशनगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक रहे थे। राजस्थान विधानसभा सचिवालय ने उनके आवेदन पर प्रक्रिया शुरू कर दी है। धनखड़ को उनकी 75 वर्ष की उम्र को देखते हुए हर महीने 42 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी।उन्होंने पूर्व विधायक के रूप में अपनी पेंशन फिर से शुरू किए जाने का आवेदन किया है। धनखड़ जुलाई 2019 तक पूर्व विधायक के रूप में पेंशन ले रहे थे। धनखड़ के पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त होने के बाद यह पेंशन बंद कर दी गई थी। सचिवालय ने प्रक्रिया शुरू कर दी है और पेंशन उपराष्ट्रपति पद से उनके इस्तीफे की तारीख से लागू होगी।
ये है नियम
अधिकारियों ने बताया कि नियम के मुताबिक विधायक का कार्यकाल पूरा होते ही पूर्व विधायक की पेंशन चालू हो जाती है। पूर्व विधायक अगर किसी सरकारी पद पर चुना जाता है या मंत्री बना दिया जाता है तो उसकी पेंशन बंद हो जाती है। उक्त पद का कार्यकाल खत्म होने के बाद उसे विधानसभा सचिवालय को इसकी तय फॉर्मेट में सूचना देनी होती है। जिसके बाद पेंशन फिर शुरू हो जाती है। जगदीप धनखड़ ने पिछले 40 दिनों से कोई बयान नहीं दिया. स्वास्थ्य को लेकर अभी तक परिवार ने कुछ नहीं बताया है. परिवार का कहना है कि वो इन दिनों आराम कर रहे हैं. ऐसे में अब ये सवाल भी है कि धनखड़ राजस्थान जाएंगे या फिर दिल्ली में ही सरकारी आवास में शिफ्ट होंगे? 9 सितंबर को नए उपराष्ट्रपति का चुनाव हो जाएगा. इससे पहले धनखड़ को नए आवास में शिफ्ट होना है. प्रोटोकॉल के मुताबिक, दिल्ली में उन्हें टाइप-8 बंगला आवंटित किया गया है. अभी उन्हें जो सरकारी बंगला आवंटित हुआ है, उस बंगले में एक केंद्रीय मंत्री रहते हैं. वो इस आवास को खाली करेंगे, फिर इसे रेनोवेट किया जाएगा. इस शिफ्टिंग में तीन से चार महीने लग सकते हैं. ऐसे में उनके लिए एक अस्थायी आवास की तलाश की जा रही है ताकि नए उपराष्ट्रपति के आने से पहले धनखड़ को वहां शिफ्ट किया जा सके. नियमों के मुताबिक, पूर्व उपराष्ट्रपति को 2000 वर्ग गज तक का आवास किराए पर लेकर भी दिया जा सकता है. ये दिल्ली या फिर अन्य जगह कहीं भी हो सकता है. इसलिए ही उनके राजस्थान शिफ्ट होने की चर्चा शुरू हुई. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहां तक कह दिया कि वो धनखड़ का इंतजार कर रहे हैं. राजस्थान आने पर उनका स्वागत करेंगे. हांलाकि, इस पर बीजेपी का कोई नेता खुलकर बोलने को तैयार नहीं है.
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