हिमाचल प्रदेश में चंबा से लेकर मणिमहेश तक मची तबाही के सातवें दिन जिला मुख्यालय पहुंचे यात्रियों ने पहली बार पूरा मंजर बयां किया। यात्रियों ने बताया कि 23 अगस्त को सुबह 6 बजे अचानक से मौसम खराब हो गया। देखते ही देखते इतनी भयावह स्थिति हो गई कि डल झील का परिक्रमा मार्ग पूरी तरह से लबालब हो गया। पानी का सैलाब इतना बढ़ा कि अस्थायी दुकानें, लंगर और लोगों का सामान पानी के तेज बहाव में बह गए।
श्रद्धालुओं ने हिम्मत दिखाते हुए नीचे मणिमहेश डल से हड़सर के लिए वापसी करनी शुरू की। गौरीकुंड, सुंदरासी, धन्छो, दोनाली, हड़सर से भरमौर तक तबाही मची हुई थी। न रास्ते बचे थे न सड़कें और न आगे हाईवे। सड़कों या रास्तों पर बनीं तकरीबन सभी पुलिया बह गईं हैं। जैसे तैसे श्रद्धालु हड़सर पंहुचे।
एक श्रद्धालु ने बताया कि यात्रा पर बाइकों पर गए श्रद्धालु अपनी जान बचाकर चंबा पैदल ही पहुंच रहे, लेकिन उन्हें भरमौर और हड़सर में खड़े अपने वाहनों की चिंता सता रही है। हड़सर और भरमौर में करीब 3,000 हजार बाइकें सड़क के किनारे खड़ी हैं। शुक्रवार को जांघी पहुंचे बोधराज, केवल और राहुल ने कहा कि मणिमहेश में 27 अगस्त को खराब हालात को देख अपनी खच्चरों के साथ डल झील से हड़सर के लिए रवाना हुए तो धन्छो पहुंचने पर पानी का बहाव काफी बढ़ गया। दुनाली और धन्छो में नाले पर बनीं दोनों पुलियां बह गईं।
एक यात्री ने वहां के भयावह मंजर को बताते हुए कहा कि प्रशासन की लापरवाही से वहां लोग जिंदगी और मौत के पालने में झूल रहे हैं। मात्र चार इंच बचे रास्ते पर जान जोखिम में डालकर सफर किया और सुरक्षित चंबा पहुंचे। महिला ने बताया कि उसके साथ लडभड़ोल क्षेत्र के ही नौ लोग साथ थे।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में आसमान से आफत बरस रही है। प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन से तबाही जारी है। बीती रात रामपुर बुशहर के पटवार वृत देवठी के गांव शील प्रोग में भूस्खलन से तीन घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। किन्नौर के बधाल में देर रात बादल फटने से NH-5 को भारी नुकसान हुआ है। NH निगुलसरी में बंद हो गया। यहां सड़क पर दरारें भी आ गई हैं। नाथपा सड़क पर भी भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन से राज्य में तीन नेशनल हाईवे सहित 560 सड़कें बंद हैं। इसके अतिरिक्त 936 बिजली ट्रांसफार्मर और 223 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं।