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Rahul Gandhi targets Election Commission, man makes shocking claim
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राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना, शख्स ने किया चौंकाने वाला दावा
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Thu, 18 Sep 2025 02:00 PM IST
कौन है वह शख्स? मंच पर अचानक सामने आया और पूरा हॉल सन्न रह गया। उसने कहा – “मेरे नाम पर 12 लोगों का वोट डिलीट हुआ है, लेकिन मुझे इसकी कोई जानकारी ही नहीं।”
राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस में यह शख्स जैसे ही सामने आया, हर किसी के मन में यही सवाल उठने लगा कि आखिर ये कौन है और इसके दावे कितने गंभीर हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जिस ‘हाइड्रोजन बम’ का ऐलान किया था, उसका केंद्र यही शख्स बन गया।
दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी चुनाव आयोग पर सीधे निशाना साध रहे थे। उन्होंने कहा कि देश का लोकतंत्र खतरे में है और कांग्रेस के वोटर्स को व्यवस्थित तरीके से टारगेट किया जा रहा है। तभी उन्होंने मंच पर एक कर्मचारी को बुलाया। राहुल गांधी ने कहा – “ये वही व्यक्ति हैं जिनके नाम से मतदाताओं को लिस्ट से हटाने का खेल हुआ है।”
कर्मचारी ने आते ही माइक संभाला और जो दावा किया, उसने सभी को हैरान कर दिया। उसने कहा – “मेरे फोन से मतदाताओं को डिलीट करने का मैसेज गया, लेकिन सच यह है कि मैंने ऐसा कभी नहीं किया। मुझे तब पता चला जब बबीता नाम की महिला ने आकर मुझसे पूछा कि उनका वोट क्यों डिलीट हुआ। तब जाकर मुझे अहसास हुआ कि मेरे नाम पर कोई गड़बड़ी की गई है।”
स्टेज पर मौजूद इस शख्स ने आगे कहा कि उसके नाम पर 12 लोगों का वोटर लिस्ट से नाम काटा गया है। लेकिन वह खुद इस पूरी प्रक्रिया से अनजान है। उसने साफ कहा कि न तो उसने किसी को मैसेज भेजा और न ही उसने किसी को इस बारे में बुलाया।
उसकी यह स्वीकारोक्ति प्रेस कांफ्रेंस का सबसे अहम पल साबित हुई। राहुल गांधी ने तुरंत इसे चुनाव आयोग और सरकार पर निशाना साधने का हथियार बना लिया।
राहुल गांधी ने इसके बाद कर्नाटक की मतदाता बबीता चौधरी का वोटर आईडी कार्ड स्क्रीन पर दिखाया। उन्होंने दावा किया कि बबीता का नाम मतदाता सूची से डिलीट कर दिया गया है। राहुल ने कहा कि यह सिर्फ एक उदाहरण है, जबकि हजारों कांग्रेस समर्थक मतदाताओं को इसी तरह निशाना बनाया गया है।
बबीता चौधरी का केस राहुल गांधी के आरोपों को मजबूती देने वाला उदाहरण बन गया। वहीं, स्टेज पर खड़े कर्मचारी का कहना था कि बबीता ही वह महिला थीं, जिन्होंने पहली बार आकर उससे सवाल किया कि आखिर उनका वोट क्यों डिलीट किया गया।
राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा – “अलंद विधानसभा क्षेत्र में 6018 आवेदन दाखिल किए गए, ताकि मतदाताओं के नाम डिलीट हों। लेकिन यह आवेदन असल में लोगों ने किए ही नहीं। सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके ये आवेदन स्वचालित रूप से दाखिल किए गए। इतना ही नहीं, कर्नाटक के बाहर, अलग-अलग राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया ताकि कांग्रेस के मतदाताओं को निशाना बनाया जा सके।”
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ तकनीकी गड़बड़ी नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर हमला है। “यह चुनाव आयोग पर सवाल खड़े करता है और यह लोकतंत्र के खिलाफ हाइड्रोजन बम से कम नहीं है।”
स्टेज पर खड़ा कर्मचारी खुद भी असमंजस में नजर आया। उसने कहा कि उसके नाम का दुरुपयोग हुआ है। उसने कभी मतदाताओं के नाम डिलीट करने का काम नहीं किया। लेकिन उसके नाम पर दर्जनों वोटरों की पहचान मिटा दी गई। इस बयान ने राहुल गांधी के आरोपों को और गंभीर बना दिया।
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद पत्रकारों ने भी लगातार सवाल दागे कि आखिर यह तकनीकी गड़बड़ी है या सुनियोजित साजिश। राहुल गांधी बार-बार यही दोहराते रहे कि यह कोई साधारण मामला नहीं है, बल्कि लोकतंत्र पर सुनियोजित हमला है।
कांग्रेस ने इसे सीधे-सीधे भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत बताया है। पार्टी का कहना है कि तकनीक का गलत इस्तेमाल करके कांग्रेस समर्थक मतदाताओं को लिस्ट से हटाया जा रहा है। वहीं सत्ता पक्ष इसे सिर्फ कांग्रेस की ‘राजनीतिक नौटंकी’ बता रहा है। उनका कहना है कि कांग्रेस हार से डरकर चुनाव आयोग को बदनाम करने में लगी है।
राहुल गांधी की यह प्रेस कांफ्रेंस आने वाले दिनों में बड़ा राजनीतिक विवाद बनने जा रही है। एक तरफ कांग्रेस इसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ बता रही है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा इसे ‘नाटकीय आरोप’ करार दे रही है। लेकिन असली सवाल यह है कि अगर वोटरों की सूची में इस तरह की छेड़छाड़ हो रही है, तो आखिर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
बबीता चौधरी जैसी महिलाओं का नाम अगर वोटर लिस्ट से गायब हो रहा है, और कर्मचारी खुद कह रहा है कि उसके नाम से डिलीट की प्रक्रिया हुई है, तो यह किसी तकनीकी त्रुटि से बढ़कर मामला लगता है। राहुल गांधी ने इसे जनता की आवाज दबाने की कोशिश बताया और कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को देशभर में उठाएगी।
फिलहाल, प्रेस कांफ्रेंस में स्टेज पर बुलाए गए उस कर्मचारी की गवाही ने राहुल गांधी के आरोपों को नया बल दिया है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या कदम उठाता है और क्या यह विवाद देश की सियासत में ‘हाइड्रोजन बम’ साबित होता है या महज एक चुनावी मुद्दा बनकर रह जाता है।
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