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Nepal PM KP Sharma Oli: युवाओं ने कैसे करवा दिया नेपाल के पीएम का इस्तीफा?
वीडियो डेस्क/ अमर उजाला डॉट कॉम Published by: पल्लवी कश्यप Updated Tue, 09 Sep 2025 05:43 PM IST
नेपाल में इस समय जो हिंसक प्रदर्शन हो रहा है वो क्या सिर्फ सोशल मीडिया बैन की वजह से है? नेपाल के युवाओं के प्रदर्शन को जेन जी से क्यों जोड़ा रहा है। क्या ये सिर्फ फेसबुक इंस्टा पर लगे बैन के लिए किया जा रहा है, काठमांडू में जब ये सब हो रहा था, तब तब कुछ बड़े शहरों में छोटे मोटे प्रदर्शन हो रहे थे. लेकिन जैसे ही काठमांडू में विवाद की खबर फैली, वैसे ही बाकी जिलों में भी विरोध के स्वर बढ़ गए. रूपनदेही, दांग, विर्तामोड, बांके, कास्की (पोखरा), सुनसरी, धनगढ़ी और चितवन समेत देश के कई शहरों में युवा सड़कों पर आ गए. सोशल मीडिया पर प्रतिबंध नेपाल में चल रहे उथल-पुथल का प्रतीक है। खासकर युवा, 2008 में देश के लोकतांत्रिक गणराज्य बनने के बाद से सत्ता में आते-जाते रहे 70 से ज्यादा उम्र के नेताओं से लगातार निराश होते जा रहे हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में जो कुछ युवा नेता उभरे हैं, वे अपनी तरक्की के लिए सोशल मीडिया का बहुत बड़ा शुक्रिया अदा कर सकते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल में फेसबुक यूजर्स की संख्या लगभग 1.35 करोड़ और इंस्टाग्राम यूजर्स की संख्या लगभग 3.6 करोड़ है। कई लोग अपने कारोबार के लिए भी सोशल मीडिया पर निर्भर हैं। जैसे ही नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद हुए, प्रभावित लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ प्रदर्शन धीरे-धीरे भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शन में बदल गया। 2023 में नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया को लेकर एक गाइडलाइंस बनाई और इसके तहत नेपाल में काम कर रहे ऐप्स को रजिस्ट्रेशन के लिए कहा. लेकिन इसको विदेशी प्लैटफॉर्म्स ने गंभीरता से नहीं लिया. इसके बाद नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इन पर प्रतिबंध लगाने को कहा. नेपाल कैबिनेट ने 28 अगस्त को सभी सोशल मीडिया ऐप्स को एक सप्ताह के अंदर रजिस्टर्ड करने को कहा, लेकिन किसी भी संस्था ने इसका पालन नहीं किया. इसके बाद सरकार ने 5 सितंबर को 26 ऐप्स को बैन कर दिया.
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