France: फ्रांस की संसद में सोमवार को प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू की सरकार ने विश्वास मत खो दिया, जिससे उन्हें अब पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। बायरू केवल नौ महीने ही पद पर रहे और उनकी सरकार को भारी मतों से हटाया गया। इसकी मुख्य वजह सार्वजनिक खर्च में कटौती का उनका प्रस्ताव है। अब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को एक साल में चौथी बार नया प्रधानमंत्री चुनना होगा, जिससे देश में राजनीतिक अनिश्चितता और बढ़ सकती है।74 वर्षीय बायरू पिछले दो वर्षों में मैक्रों द्वारा नियुक्त तीसरे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें पद से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उनसे पहले मिशेल बार्नियर भी पीएम का पदभार ग्रहण करने के महज तीन महीने बाद पिछले दिसंबर में अविश्वास प्रस्ताव हार गए थे और उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया था। फ्रांस में सोमवार को सांसदों ने विश्वास मत में फ्रांस्वा बायरू की सरकार गिरा दी।
यह यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए नया संकट है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को 12 महीनों में चौथे प्रधानमंत्री की तलाश करनी होगी। बायरू 9 महीने तक पद पर रहे। अब उन्हें इस्तीफा देना होगा। बायरू को 364-194 के भारी मतों से सत्ता से बेदखल कर दिया गया। उनको अपनी एक बड़ी राजनीतिक भूल की कीमत चुकानी पड़ी, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि सांसद उनके इस विचार का समर्थन करेंगे कि फ्रांस को अपने कर्जों की भरपाई के लिए सार्वजनिक खर्च में कटौती करनी होगी। बायरू की अल्पकालिक सरकार का पतन फ्रांस के लिए नई अनिश्चितता और लंबे समय तक विधायी गतिरोध के जोखिम का संकेत देता है, क्योंकि यह बजट कठिनाइयों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूक्रेन और गाजा में युद्ध और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बदलती प्राथमिकताओं सहित दबाव वाली चुनौतियों से जूझ रहा है। बायरू ने विश्वास मत से पहले नेशनल असेंबली में उन्होंने भाषण भी दिया था जिसकी चर्चा काफी तेज है।
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