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Vice President Election 2025: Big battle between NDA and 'INDIA', what are the chances of cross voting?
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Vice President Election 2025: NDA- 'INDIA' के बीच बड़ी जंग, Cross Voting होने के कितने आसार ?
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Mon, 08 Sep 2025 12:16 PM IST
मंगलवार को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारियों के बीच सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्ष के इंडिया गठबंधन दोनों के बीच कड़ी टक्कर चल रही है. यह एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है. बीजेडी और बीआरएस समेत 18 सांसदों ने अभी तक यह ऐलान नहीं किया है कि वे किस उम्मीदवार को वोट देंगे? हालांकि संसद में सांसदों की संख्या को ध्यान में रखा जाए तो इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी की तुलना में एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को ज्यादा मत मिलता दिखाई दे रहा है और उनकी जीत लगभग सुनिश्चित मानी जा रही है.आंकड़ों के अनुसार एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी के मुकाबले 439-324 के अंतर से आगे माने जा रहे हैं.हालांकि बीजेडी के सात सांसद, बीआरएस के चार, अकाली दल, जेडपीएम और वीओटीटीपी के एक-एक सांसद और तीन निर्दलीय सांसदों ने अभी तक अपनी पसंद का स्पष्ट संकेत नहीं दिया है. वर्तमान में मतदाताओं की संख्या 781 है और सात सीटें रिक्त हैं, जिनमें शिबू सोरेन का नाम भी शामिल है, जिनका मतदाता सूची तैयार होने के बाद निधन हो गया था.
इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव में तमिलनाडु से भाजपा के वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन और आंध्र प्रदेश से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है. राधाकृष्णन को भाजपा संगठन का एक वफादार और विश्वसनीय चेहरा माना जाता है और वे दक्षिण भारत में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की पार्टी की रणनीति का हिस्सा हैं.दूसरी ओर, सुदर्शन रेड्डी न्यायपालिका में अपनी ईमानदार और निष्पक्ष छवि के लिए जाने जाते हैं. विपक्ष का मानना है कि वे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए काम करते हैं. राजनीति और न्यायपालिका के बीच यह सीधा टकराव इस चुनाव को और भी ऐतिहासिक बनाता है.उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होगा. लोकसभा और राज्यसभा दोनों के कुल 781 सांसद मतदान करेंगे. जीतने के लिए, किसी उम्मीदवार को वैध मतों के 50% से अधिक मत प्राप्त करने होंगे.2022 में एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के खिलाफ 528 वोट हासिल करके जीत हासिल की थी. इस चुनाव में 2022 के चुनावों में जब तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने अपने वोट नहीं डाले थे.
जबकि 2017 में भाजपा के उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने गोपालकृष्ण गांधी को 516 वोटों से हराया था. वहीं, 2002 के चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार सुशील कुमार शिंदे थे. उन्होंने विजेता भैरों सिंह शेखावत के 454 के मुकाबले 305 वोट हासिल किए थे, जो अब तक का सबसे कड़ा उपराष्ट्रपति चुनाव था. संयोग से, एनडीए उम्मीदवार के इस बार 500 वोटों को पार करने की संभावना नहीं है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप, द्रमुक, सपा, राजद, वामपंथी दलों और अन्य सहित विपक्ष ने सुदर्शन रेड्डी के समर्थन में सक्रिय रूप से प्रचार किया है. इस साल के चुनाव का एक अनोखा पहलू यह है कि दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं. सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के रहने वाले हैं, जबकि सुदर्शन रेड्डी आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं. परिणामस्वरूप, दक्षिण भारतीय राजनीति अचानक राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र बन गई है.उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एनडीए के लोकसभा में 293, राज्यसभा में 106 और राज्यसभा में 12 मनोनीत सदस्य हैं—इस तरह कुल 414 सांसद हैं. इससे पता चलता है कि एनडीए की जीत की संभावना है. हालांकि, विपक्षी दलों के बीच हालिया एकजुटता के कारण, जीत का अंतर 2022 और 2017 की तुलना में कम होने की उम्मीद है.विपक्ष का कहना है कि एनडीए के बढ़ते प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए क्षेत्रीय संतुलन और संवैधानिक मूल्यों, दोनों का प्रतिनिधित्व करने वाले चेहरे की जरूरत थी.
इस बीच, दक्षिण से उम्मीदवार उतारने का भाजपा का रणनीतिक कदम हिंदी पट्टी से आगे विस्तार करने के उसके इरादे का संकेत देता है. इस बीच, बीजद के सस्मित पात्रा और बीआरएस के के सुरेश रेड्डी ने कहा है कि पार्टी नेतृत्व उचित समय पर निर्णय लेगा, जबकि जेडपीएम और वीओटीटीपी सांसदों ने भी अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है. निर्दलीय सांसदों और अकाली दल के एकमात्र सांसद ने भी अपना पत्ता नहीं खोला है, जबकि AAP, जिसने इंडिया ब्लॉक छोड़ दिया है, ने न्यायमूर्ति रेड्डी को अपने दस सांसदों के समर्थन का वादा किया है, दोनों पक्ष क्रॉस वोटिंग की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि यह एक गुप्त मतदान है, जो उनके कथन को मजबूत करेगा. संविधान बनाम आरएसएस-भाजपा के रूप में लड़ाई को खड़ा करते हुए, विपक्ष न्यायमूर्ति रेड्डी के तेलुगु होने और अन्य राजनीतिक कारणों का हवाला देकर टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस और जनसेना सांसदों को निशाना बना रहे हैं.
चुनाव से पहले, भाजपा ने अपने सांसदों के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें उन्हें मतदान प्रक्रिया और गुप्त मतदान की तकनीकी बारीकियों के बारे में विस्तृत निर्देश दिए गए. एनडीए नेतृत्व ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी लापरवाही से विपक्ष को फायदा हो सकता है, इसलिए सांसदों को सतर्क रहना चाहिए. विपक्ष ने भी अपने सांसदों के बीच एकता सुनिश्चित करने के लिए लगातार बैठकें कीं. कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को इंडिया गठबंधन के सांसदों को रात्रि भोज पर आमंत्रित किया है. इस बैठक के दौरान भी मतदान को लेकर रणनीति बनेगी. विपक्ष बिहार चुनाव से पहले उपराष्ट्रपति चुनाव के बहाने एकजुट होने की कोशिश कर रहा है. वहीं, इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने सांसदों से आत्मा की आवाज पर मतदान करने का आह्वान किया है और लोकतांत्रिक परंपरा का हवाला दिया है.
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