{"_id":"68be751c8d7d144b9203a683","slug":"amid-the-threat-of-floods-another-crisis-looms-over-delhiites-2025-09-08","type":"video","status":"publish","title_hn":"बाढ़ से खतरे के बीच दिल्लीवासियों पर छाया एक और संकट","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
बाढ़ से खतरे के बीच दिल्लीवासियों पर छाया एक और संकट
वीडियो डेस्क अमर उजाला डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Mon, 08 Sep 2025 11:48 AM IST
दिल्लीवासियों के लिए राहत की खबर यह है कि यमुना का जलस्तर आखिरकार खतरे के निशान से नीचे आ गया है। रविवार शाम तक यमुना का स्तर 205.38 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है। पानी हर घंटे करीब 2 सेंटीमीटर की रफ्तार से घट रहा है। हथिनीकुंड बैराज से जहां हर घंटे 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, वहीं दिल्ली से निकासी करीब चार गुना अधिक हो रही है। उम्मीद की जा रही है कि अगले एक-दो दिनों में बाढ़ प्रभावित इलाके सामान्य होने लगेंगे। लेकिन, राहत की इस खबर के बीच बाढ़ प्रभावित लोगों की परेशानियां अभी भी खत्म नहीं हुई हैं।
यमुना बाजार, मॉनेस्ट्री मार्केट और उससे सटे क्षेत्रों में लोगों के घर अब भी गाद में दबे हुए हैं। घरों के भीतर तीन से चार फुट तक गाद भरी है। लोग गोता लगाकर अपने घरों से बचा हुआ सामान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इस सीजन में 4 अगस्त को यमुना का स्तर 207.48 मीटर तक पहुंच गया था, जिससे हालात बिगड़े थे। लेकिन इस बार तैयारियां पहले से बेहतर होने के कारण 7 अगस्त तक हालात संभलने लगे।
दिल्ली की सबसे बड़ी चुनौती हर साल आईटीओ और रिंग रोड पर जलभराव रहती है। पिछली बार 2023 की बाढ़ में आईटीओ से लेकर राजघाट-सराय काले खां फ्लाईओवर तक सड़कें तालाब बन गई थीं। ट्रैफिक को कई-कई घंटे रोकना पड़ा था। लेकिन इस बार तस्वीर अलग रही। करीब दो महीने पहले आईटीओ पर सीवेज सिस्टम को नए सिरे से बदला गया था। इसके चलते सीवेज ओवरफ्लो की स्थिति नहीं बनी।
रिंग रोड पर जरूर 20 घंटे जलभराव रहा, लेकिन पंपों की मदद से पानी जल्द निकाल लिया गया। ट्रैफिक यहां लगातार चलता रहा। यही वजह है कि बाढ़ के बावजूद दिल्ली के बड़े हिस्से में जनजीवन पटरी पर रहा।
दिल्ली सरकार और प्रशासन ने इस बार बाढ़ से निपटने के लिए कई कदम पहले से उठा लिए थे। आईटीओ समेत सभी बैराजों के गेट पहले ही खोल दिए गए थे। इससे पानी के बहाव में कोई अवरोध नहीं हुआ। पिछली बार आईटीओ बैराज के बंद पड़े गेट और निर्माण सामग्री नदी के बहाव में बाधा बने थे, जिसकी वजह से पानी तेजी से फैल गया था। लेकिन इस बार स्थिति संभाल ली गई।
हालांकि पानी कम हो गया है, लेकिन बाढ़ प्रभावित लोग टेंटों में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। यमुना खादर निवासी सुमित कुमार ने बताया कि बाढ़ में उनका सब कुछ बह गया। जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी और बच्चों की मार्कशीट तक पानी में डूब गईं। अब नई शुरुआत करना बड़ी चुनौती है।
पुराना उस्मानपुर निवासी लवकुश का कहना है कि राहत शिविरों में रहना बेहद कठिन है। खाने-पीने से लेकर चिकित्सा सुविधाओं तक हर चीज की कमी है। एनजीओ मदद तो कर रहे हैं, लेकिन यह नाकाफी है। कई बार कुछ लोगों को खाना मिलता है और कुछ लोग भूखे रह जाते हैं।
राहत शिविरों में मच्छरों की भरमार ने बाढ़ पीड़ितों की परेशानी और बढ़ा दी है। लोग रातभर मच्छरों से जूझते हैं। इससे डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन की ओर से छिड़काव कराया जा रहा है, लेकिन पीड़ित इसे नाकाफी मानते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण में अच्छा काम किया। लेकिन असली चुनौती बाढ़ पीड़ितों को राहत और पुनर्वास देने की है। जिन लोगों ने घर और सामान खो दिया है, उन्हें अब फिर से खड़ा होना है। उनके पास न तो रहने की व्यवस्था है और न ही जरूरी दस्तावेज, जिनसे वे सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें।
यमुना का जलस्तर घटने के बाद दिल्लीवासियों ने थोड़ी राहत की सांस जरूर ली है, लेकिन बाढ़ प्रभावित परिवारों की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं। गाद में दबे घर, खोई हुई जिंदगी और राहत शिविरों की बदहाली उनके लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने है। प्रशासन को अब बाढ़ के बाद के पुनर्वास पर पूरी ताकत लगानी होगी। वरना जलस्तर घटने के बावजूद बाढ़ की मार पीड़ितों के लिए लंबे समय तक जारी रहेगी।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।