मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले में गरीबों के राशन में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है, जहां अधिकारियों पर गरीबों के हक पर डाका डालने का आरोप लगा है। यह मामला सुसनेर एसडीएम सर्वेश यादव को मिली शिकायत के बाद उजागर हुआ। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम ने तत्काल जांच दल गठित कर वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के सरकारी गोदाम और दस्तावेजों की जांच कराई। जांच में पाया गया कि गोदाम में 274 क्विंटल चावल स्टॉक रजिस्टर में कम है, जिससे आशंका है कि सरकारी चावल को बाजार में बेचा गया होगा।
जांच दल में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुरेश गुर्जर और नायब तहसीलदार रामेश्वर दांगी शामिल थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर की जाने वाली जांच में इतनी बड़ी मात्रा में चावल की कमी पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया, इस पर सवाल उठ रहे हैं। इससे वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन की कार्यप्रणाली पर भी संदेह उत्पन्न हो रहा है।
अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस घोटाले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इस घोटाले ने सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को फिर से उजागर कर दिया है। सवाल यह है कि क्या इस मामले में ठोस कार्रवाई होगी, या यह भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में ही दफन हो जाएगा।