दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के चार गांवों – खमरिया, अजीतपुर, कचयाई और दलपतखेड़ा में गुरुवार को बिना पूर्व सूचना के बिजली सप्लाई बंद कर दी गई। इससे सैकड़ों किसान आक्रोशित हो गए और बिजली विभाग के कार्यालय पहुंचकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि उनके बिल की समय सीमा अभी बाकी थी, लेकिन कर्मचारियों ने गलत तरीके से लाइन काट दी। किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि लाइनमैन और कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं।
कर्मचारियों पर मनमानी का आरोप
किसानों का कहना है कि उन्होंने प्रति कनेक्शन 7500 रुपये जमा किए थे, लेकिन रसीद केवल 7200 रुपये की दी गई। उन्होंने चार महीने का बिल भरा है, फिर भी तीन महीने बाद ही बिजली सप्लाई काट दी गई। दीपक यादव ने आरोप लगाया कि जेई और लाइनमैन भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। लाइन में फाल्ट होने पर दो हजार रुपये की रिश्वत ली जाती है, तभी बिजली सप्लाई चालू की जाती है।
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि लाइनमैन अवधेश यादव टीपी (ट्रांजिट पेमेंट) के नाम पर 7500 रुपये वसूलते हैं और रसीद 7200 रुपये की देते हैं। साथ ही, फर्जी तरीके से मशीनें चलवाने के लिए तीन से चार हजार रुपये वसूले जाते हैं। यदि लाइन बंद हो जाती है, तो उसे चालू करने के लिए भी दो हजार रुपये की मांग की जाती है।
पुलिस बुलाने के बाद भी किसान डटे रहे
बिजली विभाग कार्यालय में बड़ी संख्या में किसानों के जुटने पर कर्मचारियों ने तेंदूखेड़ा पुलिस को बुला लिया। किसानों ने अपनी समस्याओं को पुलिस के सामने रखा, जिसके बाद पुलिस मौके से चली गई, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे। उन्होंने जेई, लाइनमैन और अन्य कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की।
कार्रवाई की मांग और आंदोलन की चेतावनी
किसानों ने जेई को लिखित ज्ञापन सौंपकर बताया कि टीपी के नाम पर उनसे अवैध वसूली की जा रही है। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर शुक्रवार तक उनकी बिजली सप्लाई बहाल नहीं की गई, तो वे धरना प्रदर्शन करेंगे।
जेई का आश्वासन
तेंदूखेड़ा के जेई एम.एफ. अंसारी ने कहा कि उन्हें चार महीने की टीपी की जानकारी नहीं थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिन किसानों के बिल भरे हुए हैं, उनकी बिजली सप्लाई तुरंत चालू की जाएगी। वहीं, रहवासी क्षेत्रों के बकाया बिलों को लेकर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लाइनमैन के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच कराने का भी भरोसा दिया।
इस घटना ने किसानों में बिजली विभाग के खिलाफ गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। किसानों ने बिजली सप्लाई बहाल करने और दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।