मध्यप्रदेश के बुरहानपुर नगर में बौद्ध समाज ने बिहार सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराते हुए 14 अप्रैल को होने वाला चल समारोह रद्द कर दिया है। समाजजनों के मुताबिक महाबोधि बिहार मुक्ति आंदोलन के समर्थन में यह निर्णय लिया गया है।
बुरहानपुर नगर के लोधीपुरा क्षेत्र में हर साल संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर विशाल चल समारोह का आयोजन किया जाता रहा है। इस बार समाजजनों ने 14 अप्रैल को निकलने वाले इस चल समारोह को रद्द कर दिया है। बता दें कि महाबोधि विहार मुक्ति आंदोलन के समर्थन में इस तरह का निर्णय लिया गया है। ऐसा करके शहर के बौद्ध समाजजन शांतिपूर्ण रूप से बिहार की राज्य सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
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इसको लेकर समाजजनों की एक बैठक की गई, जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता सचिन गाढ़े ने बताया कि बिहार राज्य के बोधगया स्थित महाबोधि विहार पर बीटी एक्ट 1949 लागू किया गया है। जिसके विरोध में लंबे समय से वहां आंदोलन चल रहा है। आंदोलन कर रहे बौद्ध भिक्षु और समाजजन इस अधिनियम को हटाने की मांग कर रहे हैं, ताकि महाबोधि विहार की संपूर्ण देखरेख और अधिकार बौद्ध समाज को सौंपा जा सके, लेकिन बिहार सरकार उस पर संज्ञान नहीं ले रही है।
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उनका कहना है कि वहां हमारे परम पूज्य भिक्षुओं के द्वारा जो आंदोलन चलाया जा रहा है। उसको लेकर राज्य सरकार ने अब तक किसी प्रकार का निर्णय नहीं किया है, जिसके चलते लंबे समय से हमारे भिक्षु भूखे प्यासे बैठकर आंदोलन कर रहे हैं। उसी के विरोध में हमारी यह मुहीम है कि यहां लोधीपुरा में भी रैली नहीं निकाली जाएगी। बौद्ध समाज यह मांग करता है कि जो बोध गया है वहां पर बीटी एक्ट 1949 को रद्द किया जाए और वहां पर बौद्धों को महाबोधि महाविहार सौंप दिया जाए। लोधीपुरा बौद्ध समाज ने भी एक मत एक राय होकर यह निर्णय लिया है कि इस बार का 14 अप्रैल का चल समारोह रद्द किया जाता है।