दमोह में स्लाटर हाउस को लेकर चल रहे बवाल के बीच शुक्रवार दोपहर भाजपा के पार्षदों ने संगठन के लोगों के साथ एक प्रेस वार्ता की। जिसमें भाजपाइयों ने कहा कि भाजपा और हिंदू संगठनों के विरोध के चलते नगर पालिका अध्यक्ष को अपना फैसला बदलना पड़ा, नहीं तो वह परिषद में प्रस्ताव पारित कर दमोह में स्लाटर हाउस खोलने की अनुमति दे देतीं।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष रमन खत्री ने कहा कि भाजपा के पार्षदों को जानकारी मिली थी कि परिषद की बैठक में नगर विकास के मुद्दों के साथ स्लाटर हाउस के प्रस्ताव को भी पास किया जा सकता है। इसलिए भाजपा के पार्षदों ने परिषद की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। नगर पालिका नेता प्रतिपक्ष व भाजपा पार्षद विजय जैन ने कहा कि यदि नगर पालिका अध्यक्ष वास्तव में दमोह में स्लाटर हाउस नहीं खोलना चाहती थीं, तो उन्हें सभी पार्षदों को विश्वास में लेकर विशेष सम्मेलन बुलाकर केवल स्लाटर हाउस के मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए थी। तब हम उनकी बात को सच मानते, लेकिन उन्होंने शहर विकास के कई मुद्दों के साथ स्लाटर हाउस के प्रस्ताव को भी शामिल किया। ताकि, सभी पार्षदों को धोखे में रखकर स्लाटर हाउस के प्रस्ताव को पारित कर दिया जाए। लेकिन, हमने ऐसा नहीं होने दिया।
जनता के हित की बात नहीं हो रही
सांसद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर ने कहा कि नगर पालिका में केवल भ्रष्टाचार चल रहा है। यहां केवल वही काम किए जाते हैं, जिनसे नगर पालिका अध्यक्ष को आर्थिक लाभ हो, जनता के हित की कोई बात यहां नहीं हो रही।
क्या है मामला?
आपको बता दें कि दमोह नगर पालिका के पूर्व पार्षद मुस्लिम कुरैशी ने जबलपुर हाईकोर्ट में रिट लगाई थी कि दमोह में स्लाटर हाउस खोलने की अनुमति दी जाए। इस मामले में हाईकोर्ट ने नगर पालिका से अपना अभिमत मांगा था। इस मुद्दे को नगर पालिका परिषद की बैठक में प्रस्ताव के रूप में रखा गया, जहां विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। नगर पालिका अध्यक्ष मंजू वीरेंद्र राय का कहना है कि वह भी नहीं चाहतीं कि दमोह में स्लाटर हाउस खुले, इसलिए परिषद में प्रस्ताव रखा था। लेकिन भाजपा के कुछ पार्षदों ने इस बात को गलत तरीके से प्रस्तुत कर लोगों को गुमराह किया। अब भाजपा के पार्षद कह रहे हैं कि हमारे विरोध के बाद नगर पालिका अध्यक्ष ने अपना मत बदल दिया है और वह खुद कहने लगी हैं कि दमोह में स्लाटर हाउस नहीं खुलेगा।