दमोह जिले के बटियागढ़ ब्लॉक के बटियागढ़ ब्लॉक में रतनजोत के बीज खाकर बीमार हुए बच्चों की संख्या देर रात तक 51 पहुंच गई। जिनका जिला अस्पताल के कोविड आईसीयू वार्ड में इलाज चल रहा है और अब उनकी हालत सामान्य है। देर रात कलेक्टर भी बच्चों से मिलने पहुंचे और डाक्टरों से जानकारी ली।
वहीं, पुलिस की टीम ने गांव में मुनादी कर पीड़ित बच्चों की जानकारी देने कहा ताकि कोई भी बच्चा बीमार न रहे और रात तक बच्चों के अस्पताल पहुंचने का क्रम चलता रहा। जानकारी के अनुसार शासकीय किशुनगंज मिडिल स्कूल के बच्चों ने मंगलवार शाम खेल,खेल में यह विषैले रतनजोत के बीज मूंगफली समझ कर खा लिए।
बच्चों के घर पहुंचने पर अचानक उन्हें उल्टियां होने लगी जिसके बाद करीब 30 से अधिक बच्चे बीमार हुए तो गांव में हड़कंप मच गया।
माता-पिता ने 108 वाहन, 112 पुलिस डायल वाहन कॉल करके बुलाए और बच्चों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। एक साथ इतने छात्र-छात्राओं के बीमार होने की खबर लगते ही दमोह एसडीएम आरएल बागरी, डीईओ एसके नेमा सहित अन्य अधिकारी भी जिला अस्पताल पहुंचे। एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी और कलेक्टर सुधीर कोचर भी जिला अस्पताल पहुंचे। बच्चों से जानकारी लेकर उचित निर्देश दिए।
अभिभावक राजेश ने बताया कि स्कूल परिसर के पास ही एक रतनजोत का पौधा लगा है। जिसके फल बच्चों ने खा लिए। जब बच्चे घर पहुंचे तो उन्हें उल्टियां होने लगी।
रतनजोत के बीज खाने से बीमार छात्र मनीष लड़िया (13), नरेश सूर्यवंशी (10), डाली लड़िया (12), नरेश (11), रजनी बंसल (11), रानू बंसल (10), मयंक रजक (11), निधि रजक (10), राहुल आदिवासी (10), चिंटू रैकवार (8), राधे बंसल (11), अंशु (12), हर्ष लड़िया (11) सहित 30 बच्चों को शाम 7.30 बजे तक अस्पताल लाया गया। कुछ बच्चे गांव में ही थे जिन्हें रात में अस्पताल पहुंचाया गया और संख्या 51 तक पहुंच गई।
बीमार बच्चों ने बताया कि स्कूल लंच के दौरान उनके कुछ साथी रतनजोत के फल तोड़कर खा रहे थे, जो खाने में मीठे लग रहे थे, हम लोगों ने भी फल तोड़े और उनके बीज खा लिए। कुछ देर के बाद चक्कर आने लगे और उल्टियां होने लगी।
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रात में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर भी जिला अस्पताल पहुंचे और बच्चों से बात की। कलेक्टर ने बताया की करीब 45 बच्चे बीमार होकर जिला अस्पताल पहुंचे हैं जिनका इलाज चल रहा है। 24 घंटे तक निगरानी में रखा जाएगा और उसके बाद स्वस्थ होने पर उन्हें छुट्टी दी जाएगी। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं सभी स्कूलों के आसपास इस प्रकार के विषैले पौधों के संबंध में जानकारी ली जाए और यह पौधे लगे होने पर तत्काल नष्ट कराया जाए।