तांत्रिक साधना स्थल पीतांबरा पीठ के मुख्य द्वार पर निर्माण कार्य के दौरान बुधवार रात बड़ा हादसा टल गया नवनिर्मित मुख्य द्वार का एक बड़ा हिस्सा अचानक धमाके जैसी आवाज के साथ ढह गया और गेट के लिए तैयार किए जा रहे 12 पिलरों में से 8 पूरी तरह जमींदोज हो गए। कॉरिडोर निर्माण कार्य पिछले एक वर्ष से जारी था और ढांचा लगभग तैयार माना जा रहा था। हादसे के समय आसपास कोई मौजूद नहीं होने से कोई जनहानि होने से बच गई लेकिन इस हादसे के बाद निर्माण की गुणवत्ता और तकनीकी मानकों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। मंदिर प्रशासन और संबंधित एजेंसी अब इन पिलरों के गिरने के कारणों की जांच में जुट गई है।
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गौरतलब है कि मुख्य सिंह द्वार पर 10 करोड़ रुपए की लागत से राजस्थानी लुक वाले दरवाजे बन रहे हैं। पिलरों पर हाल ही में मेहराब लगाए गए थे और मजदूर काम खत्म करके घर जा चुके थे। ये निर्माण पिछले एक साल से चल रहा है। पीठ के सिंह द्वार के दोनों तरफ 90 लाख रुपए से बने दो छज्जों में से एक मई 2021 में गिर गया था, जिस समय यह गिरा उस दौरान दो बाइक चालक नीचे से गुजर रहे थे। जैसे ही छज्जा गिरा, वे अपनी बाइक छोड़कर भाग निकले और हादसे से बच गए।
पीतांबरा पीठ ट्रस्ट के सहायक व्यवस्थापक मनोज मुद्गल सिंह ने बताया कि द्वार की तरफ चल रहे निर्माण कार्य में आज 12 पिलरों में से आठ पिलरों के मेहराब गिर गए। संभवतः पिलरों में कोई गुंजाइश रह गई थी, जिसके कारण ये गिर गए। घटना के समय वहां कोई मौजूद नहीं था।