आदिवासी बहुल डिंडौरी जिले में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने आम जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। बीते एक सप्ताह से जारी बारिश ने नगर परिषद की सभी तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। जिले के अधिकांश वार्डों में नालों और सीवर का गंदा पानी घरों में घुस गया है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों का हाल ऐसा है कि मानो तालाब में तब्दील हो गई हों।
जिला मुख्यालय स्थित जिला चिकित्सालय परिसर भी पानी से लबालब हो गया है। अस्पताल के भीतर घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हो रही है। वहीं दूसरी ओर नर्मदा सहित उसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
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अमरपुर क्षेत्र की खरमेर नदी भारी बारिश के चलते उफान पर है। नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि उसका तेज बहाव मुख्यालय को क्षेत्र से जोड़ने वाले रास्ते को बहा ले गया है। इससे न केवल अमरपुर क्षेत्र मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है, बल्कि आसपास के गांवों से संपर्क भी टूट गया है। लोगों को आवश्यक सेवाओं और राहत सामग्री तक पहुंचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
अमरपुर चौकी प्रभारी अतुल हरदहा ने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें, किसी भी यात्रा से बचें और सतर्क रहें। उन्होंने बताया कि प्रशासन हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है, लेकिन मौसम के मिजाज को देखते हुए अभी खतरा पूरी तरह टला नहीं है। नर्मदा नदी के घाटों पर एनडीआरएफ और होमगार्ड की टीमें तैनात कर दी गई हैं ताकि आपात स्थिति में तुरंत राहत और बचाव कार्य किए जा सकें। प्रशासनिक अमला लगातार निगरानी कर रहा है, लेकिन बारिश थमने के आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे।
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स्थानीय निवासियों में नाराजगी है कि नगर परिषद ने बारिश पूर्व नालों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था नहीं की, जिससे आज यह संकट और गहराता जा रहा है। लोग अब प्रशासन से तत्काल राहत और स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
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