डिंडोरी जिले में शुक्रवार को हुए एक विवाद ने माहौल गरमा दिया। जनपद सदस्य नीता बाई के पति सहदेव सिंह और जिला पंचायत अध्यक्ष के बीच तीखी बहस के बाद मामला हाथापाई तक पहुंच गया। सहदेव सिंह का आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने उन्हें थप्पड़ जड़ा। इस घटना से नाराज ग्रामीणों ने गीधा गांव के पास जबलपुर-अमरकंटक नेशनल हाईवे को जाम कर दिया, जिससे कई घंटे तक यातायात प्रभावित रहा।
मजदूरी घोटाले से जुड़ा विवाद
यह पूरा मामला 15वें वित्त आयोग की राशि और मजदूरी भुगतान से जुड़ा है। वर्ष 2024-25 के दौरान ग्राम पंचायत गीधा में सरपंच पार्वती धूमकेती और सचिव लाल सिंह मार्को पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे। जनपद सदस्य और उपसरपंच नंद कुमार राजपूत ने शिकायत की थी कि पंचायत में भ्रष्टाचार कर मजदूरों के पैसे हड़प लिए गए।
शिकायत में कहा गया कि 64 मजदूरों की 19 दिन की मजदूरी अब तक नहीं दी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि मजदूरी भुगतान के लिए बजट स्वीकृत हुआ था, लेकिन राशि समय पर मजदूरों तक नहीं पहुँची। इसी को लेकर पंचायत के खिलाफ नाराजगी बढ़ी और मामला लगातार तूल पकड़ता गया।
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अविश्वास प्रस्ताव की पृष्ठभूमि
शुक्रवार को बजाग एसडीएम कार्यालय में सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई होनी थी। इसी सिलसिले में सहदेव सिंह और उपसरपंच नंद कुमार राजपूत सुबह मोहल्ले में खड़े थे। तभी जिला पंचायत अध्यक्ष अपनी स्कॉर्पियो से उतरे और कथित तौर पर सहदेव सिंह को थप्पड़ मार दिया। सहदेव सिंह का आरोप है कि यह हमला जानबूझकर किया गया और जिला पंचायत अध्यक्ष ने उनकी बेइज्जती करने की कोशिश की। वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि मामला मजदूरी का नहीं बल्कि सरकारी जमीन को लेकर ग्रामीणों के बीच विवाद का है, जिसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।
हाईवे पर गुस्से का विस्फोट
थप्पड़कांड की खबर फैलते ही ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। बड़ी संख्या में लोग गीधा गांव के पास जमा हो गए और जबलपुर-अमरकंटक नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि मजदूरों का भुगतान तुरंत हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। हाईवे जाम से राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और लंबा जाम लग गया।
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प्रशासन और नेताओं की मौजूदगी
स्थिति बिगड़ते देख बजाग जनपद सीईओ, एसडीएम राम बाबू देवांगन, पुलिस बल और दोनों विधायक ओमकार मरकाम व ओमप्रकाश धुर्वे मौके पर पहुंचे। सभी ने ग्रामीणों से बातचीत कर माहौल शांत करने की कोशिश की। ग्राम पंचायत भवन में जनपद सीईओ मुंशी लाल धुर्वे और एसडीओ बीएस तिलगाम ने मजदूरी भुगतान की जांच शुरू कर दी। वे मास्टर रोल की पड़ताल कर रहे हैं ताकि पता लगाया जा सके कि किन मजदूरों को भुगतान नहीं हुआ है और रकम कहां अटकी है।
ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर मजदूरी का भुगतान जल्द नहीं हुआ तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। सहदेव सिंह ने भी कहा कि वे इस पूरे मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से शिकायत करेंगे। दूसरी ओर जिला पंचायत अध्यक्ष का कहना है कि उन पर लगाए गए मारपीट के आरोप पूरी तरह से राजनीतिक हैं और सच्चाई सामने आने पर यह साफ हो जाएगा।
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