डिंडौरी जिले की शहपुरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक और राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे पर गंभीर आरोप लगे हैं। भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता और किसान मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र तिवारी ने उन पर सार्वजनिक रूप से गाली-गलौच करने, मारपीट की धमकी देने और आदिवासी एक्ट में फंसाने की चेतावनी देने का आरोप लगाया है। इस घटना से आहत होकर तिवारी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
वीरेन्द्र तिवारी ने अपने लिखित पत्र में उल्लेख किया कि 10 सितंबर की शाम करीब 5:15 बजे विधायक धुर्वे ने उन्हें कॉल कर जनपद पंचायत शहपुरा कार्यालय बुलाया। तिवारी के अनुसार, वहां पहुंचने पर भाजपा के कुछ क्षेत्रीय नेता, अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद थे। इसी दौरान विधायक ने उन्हें अपशब्द कहे और लात-घूंसों से मारने की धमकी दी। विधायक ने यहां तक कहा कि उन्हें आदिवासी एक्ट में फंसा देंगे।
त्यागपत्र और सुरक्षा की मांग
इससे आहत होकर तिवारी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रभारी मंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद और जिला प्रशासन से सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
ये भी पढ़ें:
दोस्त की दगाबाजी, पत्नी की आपत्तिजनक तस्वीरें, मरने से पहले जवान ने लिखा छह पेज का नोट
आगे की स्थिति पर निगाहें
फिलहाल यह मामला भाजपा संगठन के लिए असहज स्थिति बना रहा है। वीरेन्द्र तिवारी लंबे समय से पार्टी से जुड़े रहे हैं और किसान मोर्चा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। ऐसे में उनके आरोप और इस्तीफे ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष को और गहरा कर दिया है। अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि संगठन इस विवाद पर क्या रुख अपनाता है और विधायक धुर्वे इन गंभीर आरोपों पर क्या सफाई देते हैं।
ये भी पढ़ें:
भाजपा विधायक बोले- गृहयुद्ध छिड़ना चाहिए, कुछ नहीं होगा, इस भरोसे में मत रहना; अंदर सुरक्षा कौन करेगा