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Khargone: नर्मदा किनारे की शासकीय जमीनों पर JCB से हो रहा कब्जा, फसल बोकर करवा रहे तहसील से दंड
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Sat, 22 Mar 2025 09:50 PM IST
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मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के कसरावद ब्लॉक की ग्राम पंचायत बड़गांव स्थित नर्मदा पट्टी पर अतिक्रमण कर रेत उत्खनन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यहां इन दिनों शासन की सरकारी बेश कीमती जमीनों पर जेसीबी से अतिक्रमण कर पहले खेती की जा रही है। जिसके बाद तहसील से उस पर दंड करवाया जाता है और फिर इसके बाद रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।
खरगोन जिले से रेत के अवैध उत्खनन को लेकर ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत बड़गांव में सामने आया है। यहां करीब 300 एकड़ से भी अधिक सरकारी भूमि पर कब्जा किया गया है। यहां किसी ने इस जमीन पर खेती कर रखी है। तो कोई यहां रेत का अवैध उत्खनन कर रहा है। शासन की इस बेश किमती भूमि से ग्रामीण करोड़ों रुपये की कमाई कर रहे हैं। हालांकि इसकी निगरानी हेतु तहसील कार्यालय की तरफ से हर ग्राम पंचायत क्षेत्र में पटवारी भी नियुक्त किए गए हैं, लेकिन जानकारों की मानें तो इसके बावजूद ग्रामीण पटवारी से ही सांठ गांठ कर शासन को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं। जैसे मानो की शासन प्रशासन की आंखों पर पट्टी बांध दी गई हो।
वहीं, इसको लेकर पूर्व में भी कसरावद तहसील की ओर से ग्राम पंचायत बड़गांव के ग्रामीण पर शासन की शासकीय भूमि पर किए गए कब्जे को लेकर कार्रवार्ठ की गई थी। लेकिन 8 से 10 माह बीत जाने के बाद भी जमीन अब तक अवैध कब्जा धारी से मुक्त नहीं हो पाई है। यहां तहसीलदार ने ग्रामीणों को दंडित कर छोड़ दिया था। जिसके बाद शासन की ओर से जमीन को अब तक मुक्त नहीं करवाया गया है। जिसको लेकर अब ग्रामीणों के हौसले भी बुलंद होते जा रहे हैं। शासन की शासकीय भूमि पर कब्जा कर बन रहे इन ग्रामीण भू माफिया पर फिलहाल शासन प्रशासन की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। आए दिन यहां शासन की बेश कीमती भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है।
इधर शासकीय भूमि के संबंध में तहसीलदार से फोन पर चर्चा की गई तो कसरावद तहसीलदार द्वारा बताया गया कि अभी पटवारी ग्राम पंचायत सायता में सीमांकन करने गए हैं। जिसके बाद ग्राम पंचायत बड़गांव का भी मौका निरीक्षण किया और आप भी पटवारी से चर्चा कर लीजिए। जिसके बाद जब पटवारी को भी फोन पर चर्चा की गई। तो पटवारी द्वारा फोन पर लोकेशन जानकारी ली गई। कहा गया कि अभी हम सायता पंचायत में सीमांकन कर रहे हैं। उसे हम बाद में देख लेंगे, जबकि वहां भू माफिया के द्वारा शासकीय भूमि पर जेसीबी मशीन के द्वारा जमीन का लेवल किया जा रहा था। पूर्व में भी भूमाफिया को तहसीलदार द्वारा नोटिस दिए गए गए थे। जिस पर दंड करने के बाद भी प्रशासन की बेस कीमती शासकीय भूमि से आज तक कब्जाधारी भू माफिया का कब्जा नहीं हटा है। जिसके जवाब में ग्रामीण नर्मदा किनारे की सरकारी भूमि के बड़े हिस्से में बड़ी तेजी से अतिक्रमण कर रहे हैं। सरकारी भूमि पर ग्रामीणों की दबंगई है। जिसके चलते सीमांकन के बाद भी ग्रामीणों का कब्जा नहीं कटवाया गया था। यहां पूर्व में की गई राजस्व विभाग की लापरवाही से अब परेशानी बढ़ रही है।
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