मध्यप्रदेश के कई जिलों में इन दिनों यूरिया खाद की किल्लत को लेकर किसानों का विरोध लगातार जारी है। सोमवार को प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय पर भी यूरिया खाद को लेकर हाहाकार मच गया। यहां बीते एक महीने से किसान लगातार खाद की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध में किसानों के साथ महिलाएं और युवतियां भी शामिल हुईं। प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि यदि समय पर खाद नहीं मिली, तो फसलें प्रभावित होंगी। इससे न केवल आर्थिक नुकसान होगा, बल्कि अन्न भंडार भी खाली रह जाएंगे। किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि समय पर खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। किसानों के इस प्रदर्शन की सूचना मिलते ही एसडीएम बीएस कनेश पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। लेकिन, किसान खाद मिलने तक रास्ता नहीं खोलने की जिद पर अड़े रहे।
दरअसल, सोमवार को उमरखली रोड स्थित विपणन संघ के खाद बिक्री केंद्र पर सैकड़ों किसान खाद खरीदने पहुंचे थे। इनमें कई किसान ऐसे थे जिन्हें 16 जुलाई को टोकन नहीं मिल पाया था, उन्हें 21 जुलाई को टोकन देने की सूचना दी गई थी। जब करीब 11 बजे केंद्र खोला गया और कर्मचारियों ने किसानों को बताया कि यूरिया उपलब्ध नहीं है, तो किसान भड़क उठे। उन्होंने बाहर आकर जमकर नारेबाजी शुरू कर दी और एक रैली के रूप में बिक्री केंद्र से लगभग एक किलोमीटर दूर बिस्टान नाका तक नारेबाजी करते हुए पहुंचे। वहां किसानों ने चित्तौड़गढ़–भुसावल नेशनल हाईवे पर धरना देकर चक्काजाम कर दिया।
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प्रदर्शन कर रहे किसान काशीराम बड़ोले ने बताया कि ऑफिस के बाहर 21 तारीख को टोकन बांटने का नोटिस लगा था, लेकिन हम पहुंचे तो दोपहर 12 बजे तक भी कोई टोकन नहीं मिला। पूछने गए तो एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस दौड़ाया गया। अधिकारी कहते हैं कि खाद नहीं है, जाओ क्या कर लोगे। ऐसे में किसान जाएं तो कहां जाएं?
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