रमजान का पवित्र महीना रविवार से शुरू हो गया, जिससे शहर की मुस्लिम बस्तियों में रौनक और चहल-पहल बढ़ गई है। पहले रोजे के साथ ही बाजारों में भीड़ उमड़ पड़ी, जहां लोग खजूर, सूखे मेवे और सहरी-इफ्तार की चीजों की खरीदारी में व्यस्त नजर आए। रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर पांच वक्त की नमाज अदा करेंगे और तरावीह की विशेष नमाज में शामिल होंगे।
इस पावन महीने की तैयारी में मस्जिदों को विशेष रूप से सजाया गया है। रंग-रोगन के साथ आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है, जो रात्रि के समय मनमोहक दृश्य प्रस्तुत कर रही है। मुस्लिम समाज के अनुसार, रमजान आत्मशुद्धि, संयम और इबादत का महीना है, जिसमें लोग अल्लाह से देश में अमन-शांति और खुशहाली की दुआ करते हैं।
शनिवार रात चांद नजर आते ही बाजारों में रौनक बढ़ गई। खजूर की मांग सबसे अधिक रही, क्योंकि इफ्तार के समय रोजा खजूर से ही खोला जाता है। रविवार शाम को मोहन टॉकीज, रामेश्वर टॉकीज और छोटी मोहन टॉकीज क्षेत्र के बाजारों में भीड़ देखी गई।
रमजान के दौरान रोजे 29 या 30 दिनों तक चलते हैं, और हर रोजे का अपना विशेष महत्व होता है। पहला रोजा ईमान की परीक्षा का प्रतीक माना जाता है, जिसमें व्यक्ति सहरी के बाद पूरे दिन भूखे-प्यासे रहकर सूर्यास्त के बाद इफ्तार करता है। लेकिन रोजा केवल भोजन से परहेज करने का नाम नहीं, बल्कि यह हर प्रकार की बुराई से बचने, संयम और आत्मसंयम का प्रतीक है।