मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल शनिवार को एक दिवसीय प्रवास पर मैहर पहुंचे। उनके साथ जिले की प्रभारी मंत्री राधा सिंह, मंत्री प्रतिमा बागरी, विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी एवं भाजपा जिला अध्यक्ष सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। हेलीपैड पर उतरने के बाद राज्यपाल सीधे आदिवासी बस्ती पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर को मौके पर ही निर्देश दिए कि आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए ताकि उन्हें मूलभूत सुविधाओं का पूरा लाभ मिल सके और सरकार की तमाम योजनाएं हर घर तक पहुंचें।
इसके बाद राज्यपाल मां शारदा देवी मंदिर पहुंचे और विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने मंदिर प्रांगण में दर्शनार्थियों से संवाद किया और योजनाओं के विषय में जानकारी भी ली। मां शारदा के दर्शन के उपरांत राज्यपाल एकलव्य विद्यालय पहुंचे, जहाँ उन्होंने मैहर जिले के हितग्राहियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन, आजीविका मिशन, महिला स्व-सहायता समूह, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा कृषि विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया और हितग्राहियों से बातचीत की। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं के स्व-सहायता समूहों की आमदनी और गतिविधियों के विषय में भी जानकारी ली।
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राज्यपाल ने बताया कि राज्य में आदिवासी, गौड़, सीकर और अन्य जातियों के लोगों की जांच कराई गई है। सीकर सेल एनीमिया के 1 करोड़ 20 लाख से अधिक हितग्राहियों की जांच की गई और उनके एनीमिया संबंधित बीमारियों पर कार्य किया जा रहा है। अपने संबोधन में राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं की सराहना की और बताया कि केंद्र सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, महिला सशक्तिकरण, आयुष्मान भारत कार्ड और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं का उल्लेख किया और कहा कि इनसे आमजन का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है।
राज्यपाल ने बताया कि आदिवासी कल्याण योजनाओं के लिए 80 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और अधिकारियों को इनके बेहतर क्रियान्वयन हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत कार्ड के माध्यम से गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। राज्यपाल ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम का भी उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे बड़े लक्ष्य निर्धारित करें और मेहनत व ईमानदारी से अपने सपनों को पूरा करें। कार्यक्रम के दौरान जब एक छात्र ने कहा कि वह जज बनना चाहता है और एक छात्रा ने बताया कि वह डॉक्टर बनना चाहती है, तो राज्यपाल ने दोनों को आशीर्वाद दिया और उज्ज्वल भविष्य की कामना की।