कलेक्टर कार्यालय परिसर में प्रेम-प्रसंग के मामले में उस समय अजीबो-गरीब दृश्य बन गया जब युवती (प्रेमिका) को वाहन में बैठाकर उज्जैन स्थित स्वधार गृह ले जाया जाने लगा। प्रेमिका को दूर होता देख उसका प्रेमी (युवक) आहत हो गया और उसे अलग नहीं करने की गुहार लगाते हुए वाहन रुकवाने के लिए उसके पीछे दौड़ने लगा, लेकिन वह वाहन नहीं रुकवा पाया और नीचे गिरकर अचैत हो गया। उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मामला 20 वर्षीय युवक और 19 वर्षीय युवती के प्रेम-प्रसंग से जुड़ा है। दोनों कुछ दिन पहले घर से कहीं चले गए थे। उन्होंने 2 दिसंबर को स्टांप पेपर पर साथ रहने का एग्रीमेंट भी बनाया था। उधर, 4 दिसंबर को युवती के परिजन ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने खोजबीन कर युवती को बरामद किया और थाने लेकर आई। युवती ने अपने माता-पिता के साथ रहने जाने से मना कर दिया और युवक (प्रेमी) के साथ ही रहने की बात कही थी। वहीं युवक की आयु 21 वर्ष से कम होने के कारण पुलिस ने नियमानुसार युवती को वन स्टॉप सेंटर भेजने का निर्णय लिया। इसके बाद युवती को वन स्टॉप सेंटर भेजा गया। वहां उसे माता-पिता के साथ जाने की समझाइश दी गई, लेकिन उसने मना कर दिया। युवती को 9 दिसंबर को वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक नीता परिहार युवती को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची तथा एडीएम न्यायालय के समक्ष पेश किया। वहां पर युवती को समझाया गया कि कानूनन शादी के लिए युवक की आयु 21 वर्ष होना जरूरी है। उसे अभी युवक के साथ नहीं भेजा जा सकता है। बताया जाता है कि युवती ने युवक के साथ ही जाने की बात कही और युवती ने अपने अभिभावक के साथ घर जाने से मना कर दिया। इसके बाद युवती को उज्जैन स्थित महिला बाल विकास विभाग के स्वधार गृह भेजने का आदेश दिया गया।
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हम साथ रहेंगे, अलग नहीं किया जाए
उधर, युवक भी अपने परिजन के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंच चुका था। उसे जब पता चला कि उसकी प्रेमिका को उसके साथ भेजने की बजाए उज्जैन महिला सुरक्षा गृह भेजा जा रहा है तो वह भावुक हो गया और रोने लगा और प्रेमिका को उसके साथ भेजने की गुहार लगाने लगा। वह कहता रहा कि हमने शादी कर ली है, हम साथ रहेंगे, हमें अलग नहीं किया जाए। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी उसे समझाते रहे कि शादी की उम्र 21 वर्ष होना चाहिए, अभी उसकी उम्र कम है। इसी बीच वह प्रेमिका का हाथ पकड़कर रोने लगा तथा कहता रहा कि वह उसके बिना नहीं रह पाएगा। उसे रोता देख युवती भी रोने लगी। इसी बीच युवती को वाहन में बैठाया गया तथा उज्जैन ले जाने के लिए वाहन कलेक्टर ऑफिस से जाने लगा तो युवक वाहन के पीछे दौड़ते हुए वाहन रुकवाने का प्रयास करने लगा। वाहन आगे निकल गया तथा कुछ दूर दौड़ने के बाद युवक नीचे गिरकर बेहोश हो गया।
युवक के परिजन से कहा- जबरन युवती को उज्जैन भेजा
युवक की मां और बहन ने मीडियाकिर्मयों द्वारा चर्चा करने पर बताया कि युवक बालिग है, दोनों चार साल से एक-दूसरे को जानते हैं और कोर्ट मैरिज कर चुके हैं, फिर भी अधिकारियों द्वारा जबरन युवती को उज्जैन भेजा गया। वन स्टॉप सेंटर प्रशासक नीता परिहार के अनुसार युवक की उम्र 21 वर्ष नहीं है और युवती माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती, इसलिए युवती को उज्जैन स्थित स्वधार गृह भेजने के आदेश हुए है। स्टेशन रोड थाना प्रभारी जितेंद्रपाल सिंह जादौन ने बताया कि युवती की गुमशुदगी दर्ज हुई थी, उसे बरामद किया गया है।