श्योपुर जिले के लीलदा गांव में सोमवार को दबंगों ने दलित युवक के शव का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया। इससे नाराज लोगों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया। जानकारी लगते ही मौके पर विजयपुर एसडीएम अभिषेक मिश्रा भी पहुंचे।
जानकारी के अनुसार गांव का जगदीश जाटव बेंगलुरू में प्राइवेट नौकरी करता था। सड़क हादसे में पांच दिन पहले उसकी मौत हो गई थी। सोमवार सुबह करीब 10 बजे शव गांव लाया गया। इसके बाद दोपहर करीब एक बजे शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने लगे तभी रावत समाज के लोगों ने आपत्ति जताई। इसके बाद सड़क पर शव रखकर विवाद शुरू हो गया। आक्रोशित परिजन और ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया। एसडीएम की समझाइश देने के बाद 6 घंटे बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए माने।
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परिजन ने शासकीय जमीन पर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान लोगों ने एसडीएम से इस शासकीय जमीन से दबंगों का कब्जा हटाए जाने की मांग भी रखी। इस पर एसडीएम ने कार्रवाई करने का भरोसा दिया। महिलाओं का कहना है जाटव समाज के श्मशान घाट की जमीन रेलवे में चली गई है। इस कारण उनके पास अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं है। बेंगलुरु में जगदीश की मौत हो गई थी। पांच दिन बाद शव गांव लेकर आए हैं, तो रावत समाज के लोगों ने विरोध कर दिया।
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ग्रामीण सुरेश जाटव ने कहा कि पटवारी की ओर से अंतिम संस्कार के लिए जगह दी गई, लेकिन रावत समाज के लोग रोक रहे हैं, जबकि ये सरकारी जमीन है। रावत समाज का कोई भी पट्टा नहीं है।वहीं कांग्रेस विधायक मुकेश मल्होत्रा ने इस मामले में कलेक्टर और एसपी से बात की। उन्होंने कहा कि दलित युवक के शव का अंतिम संस्कार नहीं करने दे रहे, मारपीट और पथराव कर रहे हैं। ऐसी घटनाएं समाज में विभाजन पैदा करती हैं। विधायक ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी इसका वीडियो शेयर किया है। पटवारी ने लिखा है कि विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के वीरपुर ब्लॉक से नफरत की एक और चौंकाने और चिंता बढ़ाने वाली घटना सामने आ रही है।