वन्य जीवों के संसार में आमतौर पर बाघों के बीच क्षेत्रीय प्रभुत्व को लेकर संघर्ष की घटनाएं सुनने को मिलती हैं। मगर इस बार खितौली क्षेत्र से कुछ अलग और रोमांचक तस्वीरें सामने आई हैं। पर्यटकों ने अपने कैमरे में दो नर चीतलों के बीच हुआ एक दुर्लभ द्वंद कैद किया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
चीतल, जिन्हें उनकी शांतिप्रियता और सौम्य स्वभाव के लिए जाना जाता है, आमतौर पर झुंड में रहते हैं। एक झुंड में कई नर और मादा चीतल होते हैं। नर चीतलों के बीच संघर्ष की घटनाएँ अपेक्षाकृत कम होती हैं, क्योंकि गंभीर लड़ाई से वे घायल हो सकते हैं, जो जंगल में उनके जीवित रहने के लिए खतरा बन सकता है। लेकिन कभी-कभी झुंड के भीतर वर्चस्व स्थापित करने और मादाओं को आकर्षित करने के लिए दो प्रभावी नर चीतल आपसी टकराव में उतर जाते हैं।
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हाल ही में खितौली क्षेत्र में सामने आई यह घटना इसी प्रकार का एक संघर्ष थी, जहां दो शक्तिशाली नर चीतलों ने एक-दूसरे को परास्त करने के लिए जोरदार मुकाबला किया। यह द्वंद केवल शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि झुंड के भीतर नेतृत्व की स्थिति हासिल करने का माध्यम भी था। खास बात यह है कि इस तरह के संघर्ष में पराजित नर को झुंड से अलग होना पड़ता है और उसे नए क्षेत्र की तलाश करनी होती है।
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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, जो अपनी बाघों की आबादी के लिए प्रसिद्ध है, चीतलों की भी बड़ी संख्या का घर है। आंकड़ों के अनुसार केवल कोर क्षेत्र में ही चीतलों की संख्या 28 हजार से 42 हजार के बीच आंकी गई है। हालांकि, बाघों के मुख्य आहार में चीतल शामिल होने के कारण इनकी संख्या में समय-समय पर उतार-चढ़ाव भी देखा जाता है।
चीतलों के इस दुर्लभ संघर्ष को देखने का अवसर मिलना पर्यटकों के लिए बेहद खास रहा। ऐसे दृश्य वन्यजीवों के प्राकृतिक व्यवहार को समझने का अनूठा अवसर प्रदान करते हैं और संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाते हैं। खितौली क्षेत्र की यह घटना बताती है कि जंगल का जीवन केवल शिकार और शिकारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां भी सत्ता संघर्ष और अस्तित्व की जद्दोजहद चलती रहती है।