श्योपुर जिले के ओछापुरा थाना क्षेत्र के मोरेका गांव के पास रविवार को अतिक्रमण हटाने पहुंची वन विभाग और प्रशासन की टीम पर अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया। पथराव में तीन सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और कई वनकर्मी घायल हो गए।
बताया जा रहा है कि आरोपियों ने वन विभाग की टीम पर न केवल पथराव किया, बल्कि दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से पीटा। अचानक हुए हमले से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मामला मोरेका गांव के समीप के जंगल का है, जहां आरोपियों ने हजारों बीघा वन भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा था। वर्षों से जंगल काटकर खेती की जा रही थी। इसकी शिकायतें लगातार मिल रही थीं, जिसके बाद वन विभाग ने प्रशासन के साथ मिलकर रविवार सुबह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। जैसे ही टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की, वैसे ही दर्जनों लोगों ने टीम पर हमला कर दिया। हमलावरों के पास पत्थर, डंडे आदि थे। उन्होंने न केवल विरोध किया, बल्कि वन विभाग के कर्मचारियों को घेरकर मारपीट की।
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हमले में वन विभाग के कई कर्मचारी घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर भेजा गया, जिसके बाद हालात काबू में आए। वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ मारपीट, सरकारी काम में बाधा और अतिक्रमण जैसी विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करवाया है। पुलिस का कहना है कि दोषियों को चिन्हित कर जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
डीएफओ सामान्य वन मंडल श्योपुर के.एस. रंधा ने कहा कि सामान्य वन मंडल की जमीन पर अतिक्रमण हटाने गए थे। फॉरेस्ट और पुलिस की संयुक्त टीम भी मौजूद थी। अतिक्रमणकारी पहले से हमले की योजना बनाकर बैठे थे। रघुनाथपुर थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है।
एसडीओ इंदर सिंह धाकड़ ने बताया कि पिछले तीन साल से ग्रामीण वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर झोपड़ियां बना रहे थे, जिन्हें पिछले साल प्रशासन ने हटवाया था। इसके बावजूद उन्होंने दोबारा झोपड़ियां बना लीं। इसे लेकर दो महीने पहले उन्हें नोटिस दिया गया था, लेकिन ग्रामीणों ने जमीन खाली नहीं की थी।