टीकमगढ़ जिले के सैमरखेरा के पास जामनी नदी के आमघाट पर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा पुल अभी तक अधूरा है, जिससे ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर लकड़ी और बांस से बने अस्थायी पुल से गुजरना पड़ रहा है। यह पुल उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले के कैलगुवां और मध्यप्रदेश के मोहनगढ़ क्षेत्र को जोड़ता है।
पुल का निर्माण अधूरा, स्लैब न जुड़ने से टूटा आवागमन
करीब 4 करोड़ 42 लाख की लागत से वर्ष 2023 में शुरू हुआ यह पुल अब तक पूरा नहीं हो सका है। अंतिम स्लैब न जुड़ने के कारण पुल अभी कार्यशील नहीं हो पाया है। बारिश के दिनों में नदी उफान पर होती है, जिससे स्थिति और खतरनाक हो जाती है। हाल ही में तेज बारिश के दौरान नदी का बहाव इतना तेज था कि पानी अधूरे पुल को छूता हुआ निकल गया।
ग्रामीणों ने बनाया बांस-लकड़ी का अस्थायी पुल
पुल निर्माण की देरी से परेशान ग्रामीणों ने खुद ही बांस और लकड़ी का अस्थायी पुल तैयार कर लिया है। इस पर से पैदल और बाइक सवार लोग जोखिम लेकर रोजाना नदी पार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, वैकल्पिक रास्ता 25 किलोमीटर लंबा है, जबकि पुल से होकर सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। ऐसे में वे जान हथेली पर रखकर अधूरे पुल से गुजरने को मजबूर हैं।
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न बाउंड्री वॉल, न रैलिंग- खुले खतरे में आवागमन
पुल के दोनों तरफ न तो कोई रैलिंग है और न ही बाउंड्री वॉल, जिससे जरा सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है। बावजूद इसके ग्रामीण रोजाना इसी अधूरे पुल और अस्थायी रास्ते से आवागमन कर रहे हैं।
पीडब्ल्यूडी ने उत्तरप्रदेश प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार
पीडब्ल्यूडी ब्रिज के एसडीओ आर.एस. सिंह ने बताया कि पुल का निर्माण कार्य दो राज्यों की सीमा पर हो रहा है, और उत्तरप्रदेश के अधिकारियों का सहयोग नहीं मिलने से निर्माण अधूरा है। ललितपुर जिले के किसानों द्वारा जमीन अधिग्रहण का विरोध किया जा रहा है और स्थानीय प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा। उन्होंने बताया कि ललितपुर के कलेक्टर और एसडीएम को कई बार पत्र भेजे गए हैं, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हुई।
जून 2025 तक पूर्ण होने थे कार्य
एसडीओ के अनुसार, पुल का कार्य जून 2025 तक पूरा होना था, लेकिन उत्तरप्रदेश की ओर से बाधाएं आने के कारण निर्माण रुका हुआ है। उन्होंने बताया कि पुल की सुरक्षा के लिए एक चौकीदार की नियुक्ति भी की गई है, लेकिन लोगों द्वारा चौकीदार से झूमाझटकी और गाली-गलौज की घटनाएं सामने आ रही हैं। कई बार लोग बेरिकेड तोड़कर बाइक से निकलते हैं, जिससे जान का खतरा बना रहता है।