टीकमगढ़ नगर पालिका में इन दिनों राजनीति गरमाई हुई है। मामला गुरुवार शाम हुए नगर पालिका सम्मेलन के बाद और अधिक तूल पकड़ गया है। सम्मेलन में बंडा नहर की सीसी रोड और उसे कवर करने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे भाजपा पार्षदों ने पारित नहीं होने दिया। इस पर नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार ने भाजपा पर विकास कार्यों में अड़ंगा डालने और जनता के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था।
इसी मुद्दे को लेकर शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष अभिषेक खरे रानू अपने सहयोगी पार्षदों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और नपाध्यक्ष पर काम न करने के गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद यह विवाद और तीखा हो गया। अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार ने पलटवार करते हुए रानू खरे पर गंभीर और आपत्तिजनक आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “मुझे रानू खरे जैसे लड़की फँसाने, उसका उपयोग करने और बच्ची पैदा कर हत्या करने जैसे अनुभव नहीं हैं।” साथ ही उन्होंने रानू खरे को शहर का “कलंक” बताया।
गफ्फार के इस बयान ने नगर राजनीति में भूचाल ला दिया है। विपक्षी पार्षदों ने इसे निंदनीय बताते हुए कार्रवाई की मांग की है। वहीं, कांग्रेस खेमे के पार्षदों ने अध्यक्ष के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा नगर विकास की योजनाओं को रोकने में लगी हुई है।
इस विवाद पर नेता प्रतिपक्ष अभिषेक खरे रानू ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि “नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार माफिया प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। मैं पिछले 20 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हूं। उन्होंने राजनीति में नया कदम रखा है, न तो उन्हें प्रशासनिक जानकारी है और न ही जनता के प्रति जवाबदेही का अनुभव।” रानू ने कहा कि वह गफ्फार के लगाए गए सभी आरोपों का जवाब सबूतों के साथ देंगे और जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई भी करेंगे।
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नगर की सियासत में इस विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। एक ओर विकास कार्यों पर अड़चन का आरोप है, तो दूसरी ओर व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप से माहौल विषाक्त हो गया है। नागरिक अब दोनों नेताओं से जवाबदेही और संयम की उम्मीद कर रहे हैं ताकि शहर के विकास कार्य प्रभावित न हों।