मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फरवरी महीने में AIIMS में हुए पहले हृदय प्रत्यारोपण के दौरान यह घोषणा की थी कि अंगदान और देहदान को सभी प्राथमिकता दें। ऐसा करने से अधिक से अधिक जरूरतमंदों को नया जीवन मिल सकेगा। साथ ही, देहदान करने वाले व्यक्ति के पार्थिव शरीर को "गार्ड ऑफ ऑनर" देकर शासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इसी आदेश के परिपालन में मंगलवार को उज्जैन में देहदान करने वाले व्यक्ति को पहली बार 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया।
दरअसल, धार्मिक नगरी उज्जैन में मंगलवार को पुलिस ने देवास रोड पर रहने वाले समाजसेवी और रामलाल जवाहरलाल फर्म के 85 वर्षीय नरेंद्र गंगवाल के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। गंगवाल के निधन की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में शहरवासी उनके निवास पर पहुंचे और उनके पार्थिव शरीर के दर्शन किए। इसके बाद उनकी देह उज्जैन के ऑर्डी गार्डी मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं को अध्ययन के लिए दान की गई। अब छात्र उनके शरीर पर शोध करेंगे।
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नरेंद्र गंगवाल द्वारा किए गए इस महान कार्य की जानकारी उनके बेटे प्रणय गंगवाल को भी पहले नहीं थी। उन्होंने बताया कि उन्हें यह नहीं पता था कि पिताजी इतना बड़ा परोपकार कर गए हैं। पिताजी के देहदान के संकल्प और गार्ड ऑफ ऑनर मिलने के पल को प्रणय ने गर्व का क्षण बताया।
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परिजनों को किया जाएगा सम्मानित
मध्यप्रदेश सरकार ने अंगदान और देहदान करने वाले नागरिकों के परिजनों को भी सम्मानित करने के आदेश जारी किए हैं। इसके तहत अंगदान करने वाले परिवारों को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाएगा।