उज्जैन से 50 किमी दूर स्थित नागदा शहर मे रविवार की रात को एक हिंदू युवती के साथ छेड़छाड़ की घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने में देरी करने का आरोप लगाते हुए हिंदू संगठनों के साथ मिलकर थाने के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने नागदा सीएसपी वीरेंद्र अहीरवार के सामने भी अपना विरोध दर्ज कराया। गुस्साए लोगों ने मांग की थी कि एफआईआर में देरी करने वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाए, थाना प्रभारी का तबादला हो और आरोपियों का शहर में जुलूस निकाला जाए।
यह है पूरा मामला
पीड़ित युवती एक निजी क्लिनिक में नर्स के तौर पर काम करती है। उसने बताया कि क्लिनिक के सामने आटा चक्की चलाने वाले नासिर हुसैन, बिलाल अहमद, अली अहमद और उनके साथी पिछले 6 महीनों से उसे परेशान कर रहे थे। रविवार को जब आरोपियों ने बदतमीजी की सारी हदें पार कर दीं। युवती ने विरोध किया, तो उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी। आरोपियों ने चेतावनी दी कि अगर पुलिस के पास गई तो अंजाम बुरा होगा। घटना के बाद जब पीड़िता पुलिस के साथ रिपोर्ट लिखवाने थाने पहुंची। आरोप है कि पुलिस ने 4 से 5 घंटे तक मामले को टाले रखा। पुलिस की इस टालमटोल से नाराज होकर युवती हिंदू संगठनों के साथ थाने के बाहर ही धरने पर बैठ गई। खबर फैलते ही बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता थाने पहुंच गए थे।
यह हुई कार्रवाई
बढ़ते दबाव को देखते हुए पुलिस ने आखिरकार तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। हालांकि, प्रदर्शनकारी सिर्फ केस दर्ज होने से संतुष्ट नहीं हुए और अपनी अन्य मांगों पर अड़े रहे। जिनमें आरोपी का जुलूस निकालने की मांग भी शामिल थी। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिलाया है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और लापरवाही बरतने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
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घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान नागदा में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। हिंदू संगठनों के कड़े रुख को देखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। अधिकारियों का कहना है कि शहर में शांति बनाए रखने की कोशिश की जा रही है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
निष्पक्ष कार्रवाई की उठी मांग
मिर्ची बाजार स्थित जामा मस्जिद पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग एकत्रित हुए। इस दौरान समाज के प्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंचे सीएसपी विक्रम अहीरवार से सीधी चर्चा की। प्रतिनिधियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस को किसी भी हिंदू संगठन के दबाव में आकर एकतरफा या गलत कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में आरोपियों का जुलूस निकाला गया, तो मुस्लिम समाज इसका कड़ा विरोध करेगा और थाने का घेराव करने के लिए मजबूर होगा।