नीलगंगा थाना क्षेत्र में हमले के इरादे से घूम रहे एक बदमाश की विरोधी पक्ष के तीन भाइयों ने देर रात साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। पुलिस ने रात में ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। घटना नीलगंगा थाना क्षेत्र के एकता नगर स्थित एक पशु बाड़े की है, जहां रात करीब 11:30 बजे हत्या की वारदात हुई। मृतक की पहचान अक्कू पिता मुरली माली (32), निवासी इमलीपुरा थाना जीवाजीगंज, के रूप में हुई है। अक्कू लंबे समय से जयसिंहपुरा निवासी दीपक पिता हरीसिंह भाट के एकता नगर में महाराजा ढाबे के पीछे स्थित पशु बाड़े में काम करता था और वहीं रहता भी था।
शनिवार रात करीब 11 बजे सात आरोपी पशु बाड़े पर पहुंचे और अक्कू पर लाठियों व धारदार हथियारों से हमला कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही पशु बाड़ा मालिक दीपक भाट मौके पर पहुंचे और घायल अक्कू को जिला अस्पताल लाए, जहां रात करीब 12 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। नीलगंगा पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए आरोपियों की धरपकड़ शुरू कर दी। सीएसपी दीपिका शिंदे के अनुसार हत्या के आरोप में काला पत्थर क्षेत्र के आनंद नगर निवासी अंकित पारोचे, विट्टू पारोचे, लक्की पारोचे (तीनों भाई), तथा उनके साथी बिट्टू बसोड़, संदीप उर्फ नाना, लखन चौधरी और विशाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनमें से छह आरोपी पुलिस हिरासत में लिए जा चुके हैं।
ये भी पढ़ें- पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने तीन दिवसीय कार्यशाला कल से, दो हजार से जनप्रतिनिधि व अधिकारी होंगे शामिल
अक्कू खुद भी आदतन बदमाश था और उसका अंकित पारोचे से पुराना विवाद चल रहा था। पिछले महीने अक्कू ने अंकित और उसके पिता से मारपीट की थी। शनिवार शाम अक्कू अपने साथियों के साथ अंकित की तलाश में घूम रहा था। अंकित ऑटो रिक्शा चलाने का काम करता है। शाम करीब 5 बजे अक्कू ने नानाखेड़ा में शौचालय के पास खड़ा उसका रिक्शा देखा, लेकिन उस समय रिक्शा संदीप पिता आत्माराम मालवीय (32), निवासी आनंद नगर, चला रहा था। संदीप सवारी लेकर फ्रीगंज जा रहा था और रास्ते में लघुशंका के लिए रुका था।
संदीप ने बताया कि अक्कू ने उससे अंकित के बारे में पूछा और जानकारी न देने पर उस पर चाकू से हमला कर उसे घायल कर दिया। इस घटना की सूचना अंकित तक पहुंची, जिसके बाद देर रात अंकित और उसके साथियों ने अक्कू पर हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई। अक्कू के शव का रविवार सुबह पोस्टमार्टम किया गया। करीब 11 बजे पीएम शुरू हुआ। इस दौरान मृतक के परिजन और बड़ी संख्या में समर्थक पीएम रूम के बाहर जमा हो गए थे। संभावित तनाव को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी।