राजस्थान के अलवर जिले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के शहर सचिव तेजपाल ने बताया कि जो कालीमोरी अंडर पास है, इसकी सेंक्शन 2018 में ही हो चुकी थी। सरकार ने तीन करोड़ रुपये इसके मंजूर भी कर दिए गए थे। इसके पश्चात यह कार्य पीडब्ल्यूडी को सौंपा गया। पीडब्ल्यूडी के द्वारा जो टेंडर जो दिए गए, उसमें दिसंबर 2022 तक इसको पूरा होना था। इसके ब्लॉक वगैरह सारे बना दिए गए। रेल विंग गाडर वगैरा सारी आ चुकी है। परंतु उसके बावजूद पता नहीं काम कहां रुक रहा है।
इस वजह से आज ही दो साल पहले जो अंडरपास बनना चाहिए था, वह अभी तक नहीं बन पा रहा है, जिससे आम जनता को परेशानी हो रही है। क्योंकि पटरी का जो रास्ता है, वो ये अंडर पास का ही रास्ता है, जिससे जनता आराम से सुगम से जा सके। इस पटरी पार ITI कॉलेज भी है, बिजली का ऑफिस भी है। पॉलिटेक्निक कॉलेज भी है और हजारों श्रमिक हैं, जो कारखाने बने हुए हैं। वह श्रमिकों को भी आने-जाने की ज्यादा परेशानी है। आज मजबूरन यहां की जनता को पटरी पार कर आना जाना पड़ रहा है, जिससे दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी शहर कमेटी की ओर से यहां धरना देकर जिला प्रशासन और जिले के दोनों मंत्रियों को चेताने की कोशिश कर रहे हैं कि इस अंडरपास का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाए। इस अंडरपास के नहीं बनने से लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वे श्रमिक भी परेशान हो रहे हैं, जो रेलवे की पटरी पर छोटे मोटे उद्योंगो में काम करते हैं। उनको पुल पार कर जाना पड़ता है।