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Alwar News: आरती बालिका गृह में बच्ची की इलाज के अभाव में मौत, लापरवाही के लगे आरोप; जानें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अलवर Published by: अलवर ब्यूरो Updated Thu, 13 Feb 2025 03:33 PM IST
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अलवर जिले के अरावली विहार थाना क्षेत्र स्थित आरती बालिका गृह में रह रही 12 वर्षीय प्रियंका की इलाज के अभाव में मौत हो गई। दो साल पहले यह बच्ची काला कुआं क्षेत्र में घूमती हुई मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने उसे चाइल्डलाइन के हवाले कर दिया। चाइल्डलाइन ने बच्ची को आरती बालिका गृह भेजा, जहां वह पांचवीं कक्षा में पढ़ रही थी।
बीमारी और इलाज में लापरवाही
31 जनवरी को प्रियंका की तबीयत अचानक बिगड़ने पर उसे अलवर के सामान्य चिकित्सालय ले जाया गया, जहां से उसे कम उम्र के कारण शिशु चिकित्सालय रेफर किया गया। वहां एमआरआई जांच में उसके मस्तिष्क में टीबी की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने बच्ची को वेंटिलेटर पर रखने के बाद जयपुर रेफर करने की सलाह दी, लेकिन समय पर रेफर नहीं करने और समुचित इलाज न मिलने के कारण 11 फरवरी को उसकी मौत हो गई।
सरकारी सहायता में देरी और प्रशासन की अनदेखी
आरती बालिका गृह के संचालक चेतराम सैनी ने बताया कि पिछले चार सालों से बाल अधिकारिता विभाग से उनकी संस्था को अनुदान नहीं मिला है। संस्था ने बच्ची को रेफर कराने के लिए सहायक निदेशक रविकांत को कई बार पत्र और फोन किए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
परिजनों का पता आधार कार्ड से चला
प्रियंका की शिनाख्त के लिए शव तीन दिनों तक मोर्चरी में रखा गया। आधार कार्ड की मदद से उसके परिजनों का पता चला। जानकारी के अनुसार, प्रियंका के पिता की मृत्यु 2012 में हो गई थी और उसकी मां अपने अन्य बच्चों के साथ किसी अन्य व्यक्ति के साथ चली गई थी। प्रियंका वहां से भागकर अलवर पहुंची थी।
लापरवाही पर सवाल
इस घटना ने बालिका गृह और प्रशासन, दोनों की लापरवाही को उजागर किया है। सरकारी अनुदान में देरी के बावजूद संस्था को बच्ची के इलाज की जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी। सरकारी सहायता के इंतजार में जरूरी चिकित्सा सुविधा न मिल पाने के कारण प्रियंका की जान चली गई।
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