अलवर जिले में पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। ऑपरेशन साइबर संग्राम के तहत विशेष टीम ने शनिवार को चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया। इससे पहले शुक्रवार को छह आरोपी पकड़े गए थे। कुल मिलाकर अब तक 10 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह ने फर्जी अकाउंट्स के जरिए 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का साइबर फ्रॉड किया है।
फर्जी खातों से हुआ करोड़ों का खेल
साइबर सेल की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों ने सैकड़ों फर्जी करंट अकाउंट, कॉर्पोरेट अकाउंट और म्यूल अकाउंट बनवाकर साइबर गिरोह को कमीशन पर बेच दिए। इन खातों के जरिए ठगों ने बैटिंग, गेमिंग और निवेश ठगी के नाम पर करोड़ों की रकम इकट्ठा की। एक संदिग्ध खाता संख्या 120032138141 पर ही 101 साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें करीब 41 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी उजागर हुई। जांच में इस खाते से लगभग 2 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन भी मिला।
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आरोपियों से भारी मात्रा में सामान बरामद
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 7 चेकबुक, 19 एटीएम, 6 पासबुक, 12 हस्ताक्षरशुदा चेक, 27 मोबाइल फोन, 27 सिम कार्ड, आधार-पैन कार्ड, 3 आरसी और एक कार जब्त की है। वहीं, गिरफ्तार आरोपियों में जगसीर उर्फ जस्सी, वेदपाल यादव, भगवान सिंह और पंकज कुशवाह शामिल हैं। इससे पहले संजय अरोड़ा, गौरव सचदेवा, अमित बंसल, रामवीर पांचाल, सतीश कुमार बैरवा और प्रेम पांचाल को पकड़ा जा चुका है।
पुलिस का सख्त रुख
एएसपी शरण कांबले ने बताया कि यह अब तक की सबसे बड़ी साइबर कार्रवाई है। आरोपियों ने फर्जी फर्म और दस्तावेजों का सहारा लेकर बैंक खातों का जाल बिछाया था। गिरोह में एक बैंक मैनेजर की संलिप्तता भी सामने आई है, जिसके खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि एसपी सुधीर चौधरी के निर्देशन में गठित एसआईटी अब नेटवर्क से जुड़े अन्य सरगनाओं की पहचान और गहन पड़ताल में जुटी है। गिरफ्तार सभी आरोपी फिलहाल वैशाली नगर थाना पुलिस की गिरफ्त में हैं।
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