अलवर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर सुनील उर्फ सोनू जाट को शहर कोतवाली पुलिस ने मोबाइल फोन और सिम कार्ड के साथ गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी जेल के भीतर सघन तलाशी अभियान के दौरान हुई, जहां सुनील के पास से प्रतिबंधित उपकरण मिलने के बाद प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई कर आरोपी को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया और पूछताछ शुरू कर दी। उसे जल्द ही न्यायालय में पेश किया जाएगा।
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हत्या के मामले में सजा काट रहा है सुनील
दिल्ली के मित्राउ क्षेत्र का रहने वाला सुनील जाट वर्ष 2020 से लॉरेंस गैंग से जुड़ा हुआ है। वह वर्तमान में अलवर जिले के कोट कासिम क्षेत्र में हुई एक हत्या के मामले में दोषी करार दिया जा चुका है और सजा काट रहा है। सुनील पर भारतीय दंड संहिता की धारा 303 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), लूट और गैंगवार जैसी कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं।
जेल में कैसे पहुंचा मोबाइल? अधिकारियों पर भी शक
सबसे बड़ा सवाल यही है कि इतनी सख्त निगरानी वाली जेल में मोबाइल फोन आखिर कैसे पहुंचा? पुलिस को शक है कि जेल के भीतर मोबाइल पहुंचाने में किसी जेल कर्मी या सुरक्षाकर्मी की संलिप्तता हो सकती है। पुलिस इस पहलू की गहराई से जांच कर रही है कि सुनील तक यह मोबाइल और सिम कार्ड कैसे और किसके माध्यम से पहुंचा। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सुनील जेल में रहते हुए भी अपने गिरोह के सदस्यों से लगातार संपर्क में था।
एक और कैदी जयंत भी मोबाइल के साथ पकड़ा गया
इस तलाशी अभियान के दौरान एक अन्य कैदी जयंत के पास से भी मोबाइल और सिम कार्ड बरामद हुआ। प्रशासन ने उसे तुरंत जयपुर जेल स्थानांतरित कर दिया है। दोनों के खिलाफ शहर कोतवाली में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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पुलिस रिमांड में हो सकते हैं और खुलासे
शहर कोतवाली थाना पुलिस अब आरोपी सुनील को कोर्ट से रिमांड पर लेकर उससे विस्तृत पूछताछ की तैयारी कर रही है। यह पूछताछ इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यह सामने आ सकता है कि जेल में कौन-कौन इस नेटवर्क का हिस्सा था और बाहर बैठे किस-किस गैंग से संपर्क हो रहा था।