अलवर के सरिस्का बाघ अभयारण्य से इन दिनों वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए खुशखबरी सामने आ रही है। यहां टाइगरों की नियमित साइटिंग से देशी और विदेशी पर्यटक बेहद खुश हैं। विशेष रूप से बाघिन एसटी-9 का दीदार लगभग रोजाना हो रहा है, जिससे सरिस्का आने वाले पर्यटकों में रोमांच और उत्साह की लहर दौड़ गई है।
एसटी-9 का नजदीकी दीदार बना यादगार अनुभव
सदर रेंज में सफारी के दौरान विदेशी पर्यटकों को हाल ही में बाघिन एसटी-9 दिखाई दी। बताया गया कि सफारी जीप जब जंगल के एक संकरे मार्ग से गुजर रही थी, तभी झाड़ियों के बीच यह बाघिन दिखी। पर्यटकों ने तत्काल अपने कैमरे तैयार किए और उसकी शानदार तस्वीरें कैद कर लीं। एसटी-9 के नजदीकी दीदार का यह क्षण उनके लिए यादगार बन गया।
एसटी-21 और एसटी-3 की भी मिल रही झलकियां
वन विभाग के अनुसार, सरिस्का में केवल एसटी-9 ही नहीं, बल्कि एसटी-21 और एसटी-3 की भी लगातार साइटिंग हो रही है। इन टाइगरों के दिखने से टूरिस्ट्स में उत्साह और बढ़ गया है। पिछले सीजन में एसटी-21 की साइटिंग सबसे ज्यादा दर्ज की गई थी, जिससे सरिस्का का आकर्षण और बढ़ा था।
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पर्यटकों की संख्या में आई बढ़ोतरी
सरिस्का में टाइगरों की नियमित उपस्थिति के कारण पर्यटकों की संख्या में पहले की तुलना में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इसकी एक वजह यह भी है कि सरिस्का दिल्ली से नजदीक है, जिससे यहां सप्ताहांत पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। टाइगर साइटिंग के कारण अब सरिस्का दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए पसंदीदा वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन बन गया है।
सरिस्का में टाइगरों की संख्या 50 के पार
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरिस्का में टाइगरों की संख्या 50 के पार पहुंच चुकी है, जिसमें बफर जोन में रहने वाले टाइगर भी शामिल हैं। बफर जोन में भी इन टाइगरों की साइटिंग होती रहती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति सुदृढ़ वन प्रबंधन और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था का परिणाम है। वन विभाग के अनुसार, बढ़ती साइटिंग न केवल वन्यजीव संरक्षण की सफलता का संकेत है, बल्कि इससे पर्यटन को भी नई गति मिली है।
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