शहर में आवारा सांडों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है यह समस्या तब और गहरी हो गई, जब एक दुकानदार की सांड के हमले में मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे के बाद पूरे शहर में गुस्से का माहौल बन गया। लोगों ने सामूहिक रूप से जिला कलेक्टर कार्यालय का रुख किया और नगर परिषद पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाते हुए जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया।
जानकारी के अनुसार रविवार शाम करीब चार बजे बलदेवजी की पोल निवासी मोतीलाल अग्रवाल (55 वर्ष) घर से अपनी दुकान की ओर जा रहे थे। जैसे ही वे गली से मुख्य सड़क पर निकले, अचानक पीछे से आए एक सांड ने उन पर हमला कर दिया। सांड ने मोतीलाल को सींगों से उठाकर पटक दिया। गंभीर चोट लगने से वे सड़क पर ही लहूलुहान हो गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना ने न सिर्फ परिजनों को गहरे शोक में डाल दिया बल्कि पूरे शहर को हिला कर रख दिया।
व्यापारी की मौत के बाद सोमवार सुबह बड़ी संख्या में लोग जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और नगर परिषद के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना था कि शहर में हर गली-मोहल्ले में आवारा सांड घूम रहे हैं। आए दिन हादसे हो रहे हैं लेकिन परिषद केवल कागजों में धरपकड़ का अभियान दिखा रही है। लोगों ने आरोप लगाया कि अब तक कई लोगों की जान इन आवारा पशुओं की वजह से जा चुकी है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
आक्रोशित भीड़ को शांत कराने के लिए विधायक अरुण चौधरी और पूर्व विधायक मदन प्रजापत भी मौके पर पहुंचे। दोनों नेताओं ने प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय प्रबुद्धजनों के साथ मिलकर वार्ता की। इस दौरान नगर परिषद और जिला प्रशासन की भूमिका पर भी कड़े सवाल उठाए गए।
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विधायक अरुण चौधरी ने कहा कि आवारा पशुओं की समस्या केवल बालोतरा की नहीं है, यह पूरे राजस्थान की गंभीर समस्या है लेकिन अब हम इसका स्थायी समाधान निकालने के लिए काम कर रहे हैं। नगर परिषद, जिला प्रशासन और सामाजिक संस्थाएं मिलकर शहर से आवारा पशुओं की धरपकड़ करेंगी और उन्हें अस्थायी रूप से जेरला स्थित कांजी हाउस में रखा जाएगा। वहीं पूर्व विधायक मदन प्रजापत ने कहा कि शहर में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। सरकार को इसका स्थायी समाधान खोजना होगा ताकि कोई और निर्दोष व्यक्ति इन हादसों का शिकार न बने।
इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर अशोक विश्नोई, सीईटीपी अध्यक्ष रूपचंद सालेचा, जसवंत गोगड़, हीरालाल गोयल, पुष्पराज चौपड़ा सहित बड़ी संख्या में व्यापारी, समाजसेवी और आम नागरिक मौजूद रहे।
लोगों की मांगें है शहर से तत्काल आवारा सांडों को हटाया जाए, नगर परिषद की जिम्मेदारी तय की जाए और नियमित धरपकड़ अभियान चले, साथ ही कांजी हाउस की व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाए ताकि पकड़े गए पशुओं को सुरक्षित रखा जा सके। आवारा पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए सरकार को ठोस नीति बनाना होगी।
बालोतरा शहर लंबे समय से आवारा सांडों की समस्या से जूझ रहा है। कई बार स्थानीय लोग और व्यापारी संगठन इस मुद्दे को उठा चुके हैं लेकिन अब तक केवल औपचारिक कार्रवाई ही देखने को मिली है। नगर परिषद द्वारा दावा किया जाता है कि नियमित अभियान चलाकर पशुओं को पकड़ा जाता है, लेकिन हकीकत यह है कि सड़कों पर दिनभर दर्जनों आवारा सांड दिखाई देते हैं। हालात यह हैं कि बाजारों और रिहायशी इलाकों में लोग हर समय डर के साए में जी रहे हैं।