बांसवाड़ा जिला मुख्यालय के वाडिया कॉलोनी में शनिवार को एक लेपर्ड घुस आया। उसे देख चार कुत्ते भौंकते हुए पीछे दौड़े तो लेपर्ड भागता हुआ कॉलोनी के बाहरी हिस्से में झाड़ियों में छिप गया। सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची और तलाश शुरू की, लेकिन लेपर्ड का कुछ पता नहीं चल पाया। विभाग ने आमजन से सावधानी बरतने की सलाह दी है।
जानकारी के अनुसार, वाडिया कॉलोनी में शनिवार को एक लेपर्ड घुस आया। उसे देखकर चार कुत्ते भौंकते हुए पीछे दौड़े तो लेपर्ड गलियों में भागा और कॉलोनी के बाहरी क्षेत्र में उगी झाड़ियों में जा छिपा। लेपर्ड को भागते हुए एक मकान का काम कर रहे कुछ मजदूरों ने देखा तो मकान मालिक और अन्य लोगों को सूचना दी। इस पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए। कॉलोनी निवासी शरद कुमार त्रिवेदी के घर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखे, जिसमें लेपर्ड को देखकर वे भौचक रह गए।
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वनकर्मियों ने शुरू की तलाश
आबादी इलाके में लेपर्ड आने की सूचना मिलने पर वन विभाग से टीम मौके पर पहुंची। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखने और लोगों से जानकारी लेने के बाद तलाश शुरू की, लेकिन लेपर्ड का कुछ पता नहीं चल पाया। इस पर टीम में शामिल कार्मिकों ने लोगों से सतर्कता बरतने को कहा। दोपहर बाद तक भी लेपर्ड के बारे में कुछ भी पता नहीं चला।
श्यामपुरा वन क्षेत्र से आने की संभावना
वन विभाग के बांसवाड़ा रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी संतोष डामोर ने कहा कि लेपर्ड के श्यामपुरा वन क्षेत्र से आने की संभावना है। कॉलोनी से श्यामपुरा वन क्षेत्र करीब आधा किलोमीटर दूर है। उन्होंने संभावना जताई कि भोजन की तलाश में लेपर्ड वन क्षेत्र से मुख्य मार्ग तथा कागदी नदी को पार कर कॉलोनी में आया। लेपर्ड के मिलने पर उसे ट्रेंकुलाइज कर दोबारा वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा।
पहले भी शहरी सीमा में आए लेपर्ड
बांसवाड़ा शहर में पहले भी कई बार लेपर्ड घुस आए हैं। रतलाम मार्ग पर ऋषिकुंज कॉलोनी, ठिकरिया औद्योगिक क्षेत्र, केवलपुरा, माही कॉलोनी, सर्किट हाउस और दाहोद मार्ग पर एक रेस्टोरेंट में पैंथर घुस आया था। उल्लेखनीय है कि बांसवाड़ा जिले में लेपर्ड बड़ी संख्या में हैं। गर्मी के दिनों में भोजन और पानी की तलाश में वह आबादी क्षेत्र में आ जाते हैं।
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