जिले की आनंदपुरी थाना पुलिस ने परतापुर कस्बे में अवैध रूप से संचालित माही एएनएम ट्रेनिंग सेंटर का भंडाफोड़ कर सेंटर संचालक को गिरफ्तार किया है। उसके साथियों की तलाश की जा रही है। संचालक कई युवतियों को एएनएम की फर्जी डिग्रियां देकर लाखों रुपए वसूल चुका है।
पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि सीता पत्नी कांतिलाल सिंघाड़ा निवासी नाना भुखिया ने जेएम न्यायालय आनन्दपुरी में एक इस्तगासा पेश किया था। इसमें उल्लेख किया गया था कि ग्राम नाना भुखिया आंगनवाड़ी केन्द्र में कार्यकर्ता का पद रिक्त होने से भर्ती निकली थी। भर्ती बाल विकास परियोजना कार्यालय आनन्दपुरी द्वारा आयोजित की गई। इसमें सीता, अंजना पत्नी शांतिलाल सिंघाड़ा और अन्य ने आवेदन किया था। चयन प्रक्रिया में अंजना का चयन हुआ। उसने आंध्रप्रदेश से जारी एएनएम की फर्जी डिग्री अपने दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत कर नियुक्ति प्राप्त की थी। इस पर थाना आनंदपुरी में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया।
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प्रकरण की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेश भारद्वाज और उप अधीक्षक संदीपसिंह शक्तावत के पर्यवेक्षण में थानाधिकारी कपिल पाटीदार के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। इसमें एएसआई जितेंद्र पाटीदार, हेड कांस्टेबल महीपाल सिंह, भरत, कांस्टेबल जितेंद्र और संजय को शामिल किया गया। जांच में सामने आया कि भर्ती ग्रेडिंग के आधार पर हुई थी, जिसमें अंजना के 11 और सीता के 8 अंक आए थे। विशेष योग्यता के तौर पर अंजना ने एएनएम की डिग्री प्रस्तुत की थी, जिससे उसे 3 अतिरिक्त अंक मिले, यदि ये अंक न मिलते तो उम्र के आधार पर सीता का चयन हुआ होता।
इसके बाद पुलिस टीम सत्यापन के लिए आंध्रप्रदेश पहुंची, जहां अमरावती स्थित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक और आयुक्त कार्यालय से अंजना की एएनएम डिग्री का सत्यापन कराया गया। रिकॉर्ड में यह डिग्री फर्जी पाई गई। इस पर अंजना को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। पूछताछ में उसने बताया था कि उसने परतापुर कस्बे में स्थित माही एएनएम ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग लेकर यह डिग्री प्राप्त की थी। सेंटर का संचालन नरेन्द्र पंड्या और चिराग पंचाल करते थे, जिन्होंने इसके बदले उससे 70 हजार रुपए लिए थे।
पुलिस ने राजस्थान नर्सिंग काउंसिल से जानकारी ली तो यह सेंटर फर्जी पाया गया। इसके बाद मंगलवार को पुलिस ने आरोपी नरेन्द्र पंड्या निवासी रींछा, हाल तिरुपति नगर बांसवाड़ा को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह चिराग पंचाल निवासी मोटी बस्सी के साथ सेंटर चलाता था। अंजना का दाखिला कर डिग्री देने के नाम पर उससे 45 हजार रुपए लिए गए थे। पुलिस अब चिराग पंचाल और अन्य लोगों की तलाश कर रही है।