बाड़मेर-जैसलमेर-बालोतरा लोकसभा क्षेत्र के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने जैसलमेर जिला कलेक्टर प्रताप सिंह पर भ्रष्टाचार, सीलिंग एक्ट के उल्लंघन, रक्षा मंत्रालय की जमीनों के दुरुपयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। शनिवार को बाड़मेर स्थित सांसद सेवा केंद्र पर आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
सांसद ने कहा कि जैसलमेर जैसे संवेदनशील सीमावर्ती जिले में एक जिम्मेदार प्रशासनिक पद पर बैठे अधिकारी पर लगातार भ्रष्टाचार और नियम उल्लंघन के आरोप लग रहे हैं। लेकिन सरकार कार्रवाई करने की बजाय ईमानदार अधिकारियों को दंडित कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इन मामलों में जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह सीमा सुरक्षा और प्रशासनिक विश्वसनीयता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
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कलेक्टर पर अनैतिक दबाव और रक्षा जमीनों के हस्तांतरण का आरोप
बेनीवाल ने खुलासा किया कि पोकरण उपखंड अधिकारी प्रभजोत सिंह गिल और तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण जैसे अधिकारियों ने कलेक्टर प्रताप सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार, सीलिंग एक्ट के उल्लंघन और कॉर्पोरेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगाए हैं। लेकिन इन अधिकारियों को सजा स्वरूप निलंबन या एपीओ कर दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि ईमानदारी से काम करने वालों को सजा और आरोपों में घिरे अफसरों को संरक्षण क्यों? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कलेक्टर रक्षा मंत्रालय की जमीन की भूमि किस्म बदलवाने के लिए अधीनस्थ अधिकारियों पर दबाव बनाते हैं, जिससे देश की सुरक्षा पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ सकता है।
कंपनियों के पक्ष में प्रशासनिक कार्रवाई, जनता के खिलाफ रवैया
सांसद ने कहा कि जैसलमेर प्रशासन कॉर्पोरेट कंपनियों के हित में काम कर रहा है। आगोर, गोचर भूमि, परंपरागत जल स्रोत, तालाब, ओरण और आबादी की जमीनें कंपनियों को दी जा रही हैं, जिससे स्थानीय किसान और ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी सरकारी आदेशों की अनदेखी कर कंपनियों के लिए 'मुनीम' की भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कलेक्टर अब सरकार नहीं, कंपनियों के प्रतिनिधि की तरह काम कर रहे हैं। यह व्यवहार केवल प्रशासनिक अनुशासन का उल्लंघन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधी चुनौती है।
बाड़मेर में भी सामने आए अनियमितता के मामले
बेनीवाल ने बाड़मेर जिले के गडरा रोड और रामसर क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि यहां पूर्व उपखंड अधिकारी अनिल जैन द्वारा सीलिंग एक्ट और सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के मामले सामने आए हैं, लेकिन अभी तक निष्पक्ष जांच नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि संदिग्ध और बाहरी लोगों को जमीनें बेची गईं, जो सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत गंभीर है।
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सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल
बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि जैसलमेर व बाड़मेर में हो रहे प्रशासनिक भ्रष्टाचार और सुरक्षा उल्लंघनों की निष्पक्ष जांच करवाई जाए। उन्होंने तीखा सवाल उठाया कि जब खुद प्रशासनिक अधिकारी ही कलेक्टर पर सवाल उठा रहे हैं, तब सरकार की चुप्पी क्या दर्शाती है? क्या ये राजनीतिक संरक्षण का मामला है?
पर्यावरणीय संकट और विकास नीति पर चेतावनी
सांसद ने सोलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स को लेकर भी सरकार की नीतियों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बिना पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखे सोलर प्लांट्स स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे पेड़ों की कटाई, तापमान में वृद्धि, और पारिस्थितिक असंतुलन हो रहा है। उन्होंने यह भी मांग की कि प्रत्येक सोलर प्लांट में 25% क्षेत्र ग्रीन बेल्ट के रूप में आरक्षित किया जाए और किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।