भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा उपखंड मुख्यालय पर रविवार को तीन दिवसीय भगवान परशुराम मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव धार्मिक उल्लास और भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। यह आयोजन नगर पालिका शाहपुरा, विप्र सेना और सर्व ब्राह्मण समाज के संयुक्त तत्वावधान में भगवान परशुराम स्मारक पर आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में जगदगुरु श्री निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर श्री श्यामशरण देवाचार्य ‘श्रीजी’ महाराज, हवा महल विधायक बालमुकंदाचार्य, शाहपुरा विधायक डॉ. लालाराम बैरवा, विप्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील तिवाड़ी, नगर पालिका अध्यक्ष रघुनंदन सोनी सहित अनेक संत, समाजसेवी और नागरिक उपस्थित रहे।
परशुराम वाटिका को नगरवासियों को समर्पित
महोत्सव के दौरान अतिथियों ने भगवान परशुराम की भव्य मूर्ति का अनावरण किया। हवन और पूजा-अर्चना के साथ मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा संस्कार पूर्ण किया गया। इस अवसर पर लोकार्पण पट्टिका का अनावरण भी किया गया। नगर पालिका के सहयोग से लगभग ₹8.50 लाख की लागत से परशुराम वाटिका का निर्माण किया गया, जबकि लगभग इतनी ही राशि में विप्र सेना द्वारा भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापित की गई।
धर्मसभा में विधायक बालमुकंदाचार्य का विवादित बयान
मूर्ति अनावरण के बाद कॉलेज ग्राउंड में आयोजित विशाल धर्मसभा में हवा महल विधायक बालमुकंदाचार्य ने विप्र समाज की भूमिका और सनातन संस्कृति की रक्षा पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विप्र समाज सदैव से समाज का पथप्रदर्शक रहा है और युवाओं को धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूक होकर नेतृत्व करना चाहिए।
इसी दौरान उन्होंने जनसंख्या संतुलन के मुद्दे पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि हम दो हमारे दो, या हम दो हमारा एक, परंतु एक वर्ग ऐसा है जो चार बेगम और 36 बच्चों पर ध्यान देता है, यह समाज के संतुलन के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि देश में तेजी से बढ़ती जनसंख्या संतुलन बिगाड़ रही है और इस दिशा में ठोस नीति बनाना आवश्यक है।
‘संस्कृति और ज्ञान का संरक्षण जरूरी’
जगदगुरु श्रीजी महाराज ने कहा कि विप्र समाज को सदैव अपने स्वरूप को सनातन संस्कृति के अनुरूप बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि विप्र समाज अनादि काल से ज्ञान, नीति और समरसता का संवाहक रहा है और उसे धर्म, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
नगर पालिका अध्यक्ष रघुनंदन सोनी ने नगर के विकास कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम की मूर्ति नगरवासियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक बनेगी। शाहपुरा विधायक डॉ. लालाराम बैरवा ने कहा कि महापुरुषों के आदर्शों को आत्मसात करने के लिए इस तरह के स्मारक आवश्यक हैं।
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वहीं, विप्र सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील तिवाड़ी ने कहा कि सरकार हमसे है, हम सरकार से नहीं। उन्होंने विप्र समाज की एकजुटता को राजनीतिक परिवर्तन का कारण बताया और कहा कि विप्र सेना समाज को संगठित करने का कार्य जारी रखेगी। विप्र सेना के प्रदेश युवा अध्यक्ष दिनेश दादिया ने कहा कि भगवान परशुराम शक्ति और मर्यादा के प्रतीक हैं और समाज को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
धार्मिक उत्साह से भरा माहौल
समारोह में बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के महिला-पुरुष, नगरवासी और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। ढोल-नगाड़ों और जयघोष के बीच जब भगवान परशुराम की मूर्ति का अनावरण हुआ, तो पूरा परिसर ‘जय परशुराम’ के नारों से गूंज उठा। आयोजन का संयोजन गीतकार सत्येंद्र मंडेला ने किया, जबकि अतिथियों का स्वागत अंकुर ओझा, मिंकू पोंडरीक और अभय पारीक सहित अन्य पदाधिकारियों ने किया।
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