दौसा जिले के बांदीकुई से इंसानियत को झकझोर देने वाला एक मामला सामने आया है। इस घटना ने लोगों को यह कहने पर मजबूर कर दिया कि वह राजा किस काम का, जो प्रजा का दुख नहीं बांट सके। इस कहावत को चरितार्थ करते हुए मंगलवार को कोलाना ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ग्रामीणों ने अपनी नाराजगी जाहिर की। मामला कोलाना ग्राम पंचायत के श्मशान घाट से जुड़ा है। जिसमें कोलाना ग्राम पंचायत, आसपास के गांवों और ढाणियों के मृतकों का दाह संस्कार किया जाता है।
ग्रामीणों ने बताया कि कोलाना ग्राम पंचायत मुख्यालय से करीब तीन किलोमीटर दूर गीजगड़िया की ढाणी में छोटी देवी सैनी (उम्र करीब 90 वर्ष) का देहांत हो गया था। ग्रामीण और रिश्तेदार शवयात्रा को दाह संस्कार के लिए कोलाना ग्राम पंचायत मुख्यालय स्थित श्मशान घाट की ओर लेकर रवाना हुए, लेकिन उन्हें रास्ते में घुटनों तक भरे पानी से गुजरना पड़ा।
शव को कंधों पर लेकर चल रहे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्हें इस जलमग्न रास्ते से गुजरना पड़ा। इससे पहले भी ढाणी के लोगों ने कोलाना के विकास के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को रास्ते में पानी भराव की समस्या के समाधान के लिए अवगत कराया था, लेकिन किसी ने इस मामले पर ध्यान नहीं दिया। परिणामस्वरूप, शवयात्रा को घुटनों तक भरे पानी में से होकर गुजरना पड़ा, जिससे लोग भड़क उठे।
आक्रोशित ग्रामीणों ने कोलाना ग्राम पंचायत और सरपंच के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। इस दौरान लोगों ने कहा कि सरपंच ने अपने परिवार के लोगों के खेतों की सेफ्टी के लिए सरकारी पैसे से दीवार बनवा दी, लेकिन आमजन के रोजमर्रा के इस रास्ते को अनदेखा कर दिया। इसे लेकर नाराज ग्रामीणों ने सरपंच के खिलाफ नारेबाजी कर अपना रोष व्यक्त किया।