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Dausa News: Electricity workers staged a protest to stop privatization, submitted memorandum to the CM
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Dausa News: बिजलीकर्मियों ने निजीकरण रोकने को लेकर दिया धरना, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दौसा Published by: दौसा ब्यूरो Updated Fri, 29 Nov 2024 08:24 PM IST
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दौसा में शुक्रवार को बिजलीकर्मियों की संयुक्त संघर्ष समिति ने निगम कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने एसई को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए विद्युत क्षेत्र में निजीकरण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।
बिजली कर्मचारियों ने इस दौरान कार्य बहिष्कार किया और जमकर नारेबाजी की। उनका मुख्य मुद्दा था विद्युत के उत्पादन, प्रसारण और वितरण में अंधाधुंध निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। समिति के पदाधिकारियों का कहना था कि राज्य सरकार के तहत विद्युत निगमों का संचालन लोक कल्याणकारी उद्देश्य के तहत किया जाता है, लेकिन वर्तमान सरकार इसे लाभ-हानि के आधार पर चला रही है, जिससे जनता के हितों की अनदेखी हो रही है।
कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि विद्युत प्रशासन ने निजीकरण को बढ़ावा देते हुए आउटसोर्सिंग, ठेके और निजी भागीदारी की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। इसके चलते अब 33/11 केवी ग्रिड के फीडर सेग्रिगेशन और सोलराइजेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी निजी हाथों में सौंपे जा रहे हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से खतरे का कारण बन सकते हैं।
साथ ही कर्मचारियों ने प्रसारण निगम के कार्यों में भी निजीकरण का विरोध किया। उनके मुताबिक वर्षों से लाभ देने वाले प्रसारण निगमों को अब निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारी की जा रही है, जिससे सार्वजनिक संसाधनों पर खतरा मंडरा रहा है। आंदोलन में शामिल कर्मचारियों का कहना था कि राज्य सरकार अपने सामाजिक दायित्वों से मुंह मोड़ते हुए इस पूरे निजीकरण प्रक्रिया के माध्यम से कर्मचारियों और प्रदेश की जनता के हितों की अनदेखी कर रही है।
धरने में कर्मचारियों ने राजस्थान में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना का भी विरोध किया। उनका मानना था कि स्मार्ट मीटरों के दुष्प्रभाव को देखते हुए महाराष्ट्र में इसे रोक दिया गया है, ऐसे में राजस्थान में इसे लगाने से पहले पुनः विचार किया जाए। उन्होंने इससे लाखों रुपये के मीटर कबाड़ हो जाएंगे और डिस्कॉम्स को भारी नुकसान होने की बात भी कही।
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