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VIDEO : poor condition of infrastructure in Gurugram is becoming the reason for exodus of industries
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VIDEO : गुरुग्राम में अमर उजाला संवाद, इंफ्रास्ट्रक्चर की बदहाली बन रही है उद्योग के पलायन का कारण
गुड़गांव इंडस्टि्रयल एसोसिएशन का महरौली गुरुग्राम रोड के आईडीसी (इंडस्टि्यल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) स्थित कार्यालय उतना ही पुराना है, जितना हरियाणा। हरियाणा के विकास के साक्षी इस औद्योगिक इलाके में करीब 250 उद्योग है। जीआईए से लगभग शहर के लगभग 350 उद्यमी जुड़े हैं। आईडीसी गुरुग्राम का पहला औद्योगिक क्षेत्र रहा है मगर यहां के उद्यमी नगर निगम, एचएसआईआईडीसी के रवैये से बहुत दुखी है।
अमर उजाला द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में उद्यमियों ने कहा कि सरकार केवल हमें बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर दें दे बाकि कोई रियायत और सुविधा नहीं चाहिए।
इस इलाके ही नहीं शहर के अधिसंख्य औद्योगिक इलाके में लोग सीवेज ओवरफ्लो, बदहाल सड़क, जल संकट, खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट और बिजली कटौती जैसी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। 1967 में हरियाणा को राज्य का दर्जा मिला, आईडीसी भी इसी साल अस्तित्व में आया मगर यहां की कई सड़कों पर सालो भर सीवेज की गंदगी बहती रहती है। पुरानी जर्जर पेयजल की लाइनें नहीं बदली गई। पानी की निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण हर बरसात में यह इलाका जलमग्न हो जाता है। नतीजतन यहां की सड़कें खस्ताहाल हैं।
सरकारी उदासीनता के कारण धीरे-धीरे गुरुग्राम के उद्यमी यहां से पलायन कर रहे हैं। राजस्थान के भिवाड़ी औद्योगिक इलाके, उत्तर प्रदेश आदि में शिफ्ट कर रहे हैं। सरकार ने हालात ऐसी रखे तो आईटी हब के रूप में विख्यात गुरुग्राम एक दिन उद्योग विहीन हो जाएगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष जेएन मंगला ने कहा कि नगर निगम के पास जाने पर यहां इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचनात्मक विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) का मामला बता देता है। एचएसआईआईडीसी बुनियादी सुविधाओं को नगर निगम का मामला बता देती है, इन दोनों द्वारा एक दूसरे को जिम्मेदार बताने के क्रम में उद्यमी पिस रहे हैं।
उद्यमियों ने कहा कि वर्ष 2020 की औद्योगिक नीति में उद्योगों की स्वीकृति से संबंधित प्रक्रिया काफी जटिल है। उद्योगों की मंजूरी मुश्किल हैं। वर्ष 2022 में उद्योगों को बने नियमों में उद्योगों के एरिया के विस्तार का शुल्क बहुत ज्यादा बढ़ा दिया गया है। अपनी जगह से आगे तक के विस्तार मामले में जुर्माने की राशि बहुत ज्यादा बढ़ गई है। पिछले सालों के दौरान सरकार ने कई अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत किया है मगर एक भी अनधिकृत औद्योगिक इलाके को अधिकृत नहीं किया है। इससे सूक्ष्म और लघु उद्योगों को काफी निराशा
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